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राम मंदिर के बाद खुदाई में निकले इस प्राचीन शिव मंदिर का होगा पुनर्निर्माण, तैयारियां पूरी

मध्य प्रदेश पुरातत्व आयुक्त अर्मिला शुक्ला ने पुरातत्व अधिकारी डा.रमेश यादव के नेतृत्व में निर्माण समिति का गठन की है, जो मंदिर का निर्माण कार्य उसी तर्ज पर कराएगी, जिस तरह मंदिर का प्राचीन स्वरूप था।  

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यहां खुदाई में निकले 1 हजार साल पुराने शिव मंदिर के सबूत, भव्य मंदिर का होगा पुनर्निर्माण

मध्य प्रदेश की धर्मनगरी उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में मकर संक्रांति से पुरातन के प्रवर्तन का उत्तरायण होने जा रहा है। मध्य प्रदेश पुरातत्व विभाग ने मंदिर परिसर में 1 हजार साल पुराने शिव मंदिर के दौबारा निर्माण कराने की तैयारी कर ली है। मध्य प्रदेश पुरातत्व आयुक्त अर्मिला शुक्ला ने पुरातत्व अधिकारी डा.रमेश यादव के नेतृत्व में निर्माण समिति का गठन किया गया है।


खास बात ये भी है कि तैयार होने के बाग इस शिव मंदिर को उज्जैन संभाग के पहले पुनर्निर्मित होने वाले मंदिर का भी गौरव प्राप्त हो जाएगा। आपको बता दें कि महाकाल मंदिर में नवनिर्माण के लिए की जा रही खुदाई के दौरान साल 2021 में करीब 1 हजार साल पुराने शिव मंदिर के पुरातत्व अवशेष मिले थे। मंदिर समिति ने इसकी जानकारी भोपाल स्थित मध्य प्रदेश पुरातत्व विभाग कार्यालय को दी थी, जिसके बाद एक विशेष दल भोपाल से उज्जैन पहुंचा और जांच शुरू की।

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जमीन से निकले 1000 साल पुराने मंदिर के ये अवशेष

पुरातत्व टीम के विशेषज्ञों द्वारा की गई पड़ताल में खुलासा हुआ कि खोदे गए स्थान पर प्राचीन शिव मंदिर हुआ करता था। इसके बाद विभाग ने शोध अधिकारी डा.ध्रुवेंद्र जोधा के निर्देशन में कुशल खनिकों द्वारा उत्खनन कार्य शुरू कराया। विभाग को महाकाल मंदिर का गौरवशाली इतिहास जानने में शीघ्र सफलता मिली और भूर्गभ से एक हजार साल पुराने शिव मंदिर का आधार (जगती तक) भाग, भारवाही कीचक, कपोतिका, कुंभ भाग आदि मंदिर अवशेषों के साथ शिवलिंग, नंदी और गणेश, मां चामुंडा आदि मूर्तियां मिलीं।

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37 फीट ऊंचा होगा मंदिर

विभाग ने पुराअवशेषों को एक स्थान पर एकत्रित कर नंबरिंग कराई। शोध में पुरातन शिव मंदिर भूमिज शैली में बना हुआ पाया गया था। अब इसी शैली में निर्माण समिति मंदिर का पुनर्निर्माण कराएगी। विभागीय योजना के अनुसार मंदिर की ऊंचाई 37 फीट होगी, जिसमें 65 से 70 लाख रुपए निर्माण कार्य में खर्च होने का अनुमान है। पुनर्निर्माण में करीब डेढ़ साल का समय लगने का भी अनुमान है। महाकाल मंदिर में आकार लेने वाला शिव मंदिर उज्जैन संभाग का पहला पुनर्निर्मित मंदिर होगा।