
father son commits suicide
नागदा। उज्जैन जिले के नागदा में गुरुवार सुबह फंदे पर पिता-पुत्र की लाश मिलने से सनसनी फैल गई। दोनों की लाशें सड़ गई थीं और उनमें से बदबू आ रही थी। तीन दिन से दूध नहीं लेने पर दूध वाले को शंका हुई थी।
नागदा में गुरुवार सुबह जब सुबह दूधवाला आया तो उसने बदबू आने की बात मोहल्लेवालों को बताई। क्योंकि तीन दिन से भीतर से दरवाजा बंद था और पिता-पुत्र दूध नहीं ले रहे थे। बताया जाता है कि इसी के बाद मामले का खुलासा हुआ। संभावना जताई जा रही है कि तीन दिन पहले फांसी लगाई गई होगी।
नागदा के बिरलाग्राम का यह मामला है। यहां 45 वर्षीय सरकारी शिक्षक कन्हैयालाल पिता पंचू लाल रहते थे। गुरुवार सुबह कन्हैयालाल और उनके 14 साल के बेटे आयुष की लाश एक ही फांसी के फंदे पर झूलती हुई मिली। यह दोनों ही चार दिनों से किसी से नहीं मिले थे।
दूधवाला जब सुबह लगातार तीसरे दिन भी दूध देने आया तो दरवाजा बंद मिला। वो पिछले तीन दिनों की तरह आज भी वापस जा रहा था, लेकिन उसे कुछ बदबू आई। जिसकी जानकारी दूधवाले ने पड़ोसियों को दी। उसने पड़ोसियों से दरवाजा बंद होने का कारण भी पूछा, लेकिन यही कहा गया कि यह लोग तीन दिनों से नहीं दिखे। पड़ोसियों को भी बदू आने लगी थी। इसके बाद पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी।
दरवाजा तोड़ा तो फंदे पर थी लाशें :-:
जब पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर भीतर घुसी तो पिता और पुत्र की लाश एक ही पंखे पर लटकी हुई थी। कन्हैयालाल महिदपुर के एक गांव में सरकारी शिक्षक थे। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटे और एक बेटी भी हैं। पत्नी कुछ समय से एक बेटा और बेटी को लेकर अपने मायके रामगंज मंडी में रह रही थी। माना जा रहा है कि आत्महत्या का कारण पारिवारिक विवाद हो सकता है।
Published on:
13 Aug 2020 01:31 pm
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