
Fee For Mahakal Bhasma Aarti Darshan Bhasma Aarti Mahakal
उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध भगवान महाकाल के दरबार में प्रतिदिन भक्तों का मेला लगता है. 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर सबसे प्रमुख ज्योतिर्लिंग के रूप में भी जाने जाते हैं. यही कारण है कि महाकाल के दर्शन और पूजन के लिए यहां देश—विदेश से भक्त आते हैं. यूं तो धार्मिक नगरी के रूप में उज्जैन को सदियों से जाना जाता रहा है पर शहर की सबसे बड़ी पहचान महाकाल ही हैं.
महाकाल की पूजा—पाठ के तरीके भी अनूठे हैं. मंदिर में महाकाल की भस्म आरती की जाती है जोकि शिवभक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है. तड़के 4 बजे होने वाली इस ख्यात भस्म आरती में आमजन का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था. अब करीब 18 महीने के बाद आम दर्शनार्थियों को प्रवेश देने की बात कही जा रही है पर इसके लिए शुल्क भी लगा दिया गया है।
महाकाल की भस्म आरती में शामिल होने के लिए ऑनलाइन बुकिंग कराने पर 200 रुपए शुल्क देना होगा। यह निर्णय समिति की बैठक में समिति के अध्यक्ष कलेक्टर आशीष सिंह, सहित प्रबंध समिति के अन्य सदस्यों ने पिछले दिनों लिया था। महाकाल की आरती में शामिल होने के लिए यूं शुल्क लिए जाने का चहुंओर विरोध प्रारंभ हो गया है.
शनिवार को बजरंग दल, विहिप, कांग्रेस व संत अवधेशपुरी महाराज ने इसका तीव्र विरोध किया। दूसरे दिन रविवार को भी इसका विरोध जारी रहा. शहर के संतजनों ने भस्म आरती के लिए वसूले जानेवाले शुल्क का विरोध करते हुए कहा कि आम भक्तों के लिए सिर्फ 150 नि:शुल्क सीट का प्रावधान रखा गया है, जो काफी कम है, साथ ही दर्शन के नाम पर शुल्क लगाना गलत है।
रविवार को प्रशासक नरेंद्र सूर्यवंशी ने इस मामले पर सफाई दी. उन्होंने कहा कि भस्म आरती में शुल्क लागू किए जाने का विरोध करना सरासर गलत है. उन्होंने तर्क दिया कि यह कोई नया शुल्क नहीं लिया जा रहा है। ऑनलाइन बुकिंग के लिए तो पहले से ही शुल्क लिया जाता रहा है। मंदिर प्रबंधन द्वारा शुल्क के समर्थन में तर्क दिए जाने के बाद भी इसका विरोध थमा नहीं है.
Published on:
06 Sept 2021 09:08 am
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