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Live Darshan Ujjain सावन का पहला सोमवार, आज निकलेगी शाही सवारी, इस रूट से जाएं महाकाल मंदिर

सावन का पहला सोमवार होने के कारण सुबह से शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी.    

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Live Darshan Ujjain सावन का पहला सोमवार, आज निकलेगी शाही सवारी, इस रूट से जाएं महाकाल मंदिर

Live Darshan Ujjain सावन का पहला सोमवार, आज निकलेगी शाही सवारी, इस रूट से जाएं महाकाल मंदिर

उज्जैन. सावन का पहला सोमवार होने के कारण सुबह से शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी, कोई अभिषेक कर रहा था, तो कोई पूजा अर्चना कर रहा था, तो कोई शिव आराधना में लीन था, अलसुबह से शहर सहित अंचलों में भोलेनाथ के जयकारे गूंजने लगे, कोई कावड़ लेकर जा रहा है, तो कोई भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए ऊं नम: शिवाय की धुनी रटे जा रहे हैं, इस बार सावन माह में 4

सोमवार आएंगे, बाबा महाकाल के दर्शन के लिए सुबह से श्रद्धालुओं की लाइन लग गई, बाबा महाकालेश्वर के आप ऑनलाइन भी दर्शन कर सकते हैं, इसके लिए आप इस लिंक पर क्लिक करें।

विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दरबार में सावन मास के दौरान यदि आप परिवार के साथ दर्शन करने आने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो कुछ आवश्यक जानकारी आपको ले लेना चाहिए। मंदिर आने वाले कौन-कौन से मार्ग हैं। किस तरफ से आएंगे, तो वाहन कहां पार्क होंगे...वगैरह---वगैरह...।


शिव का प्रिय महीना सावन शुरू हो गया है। वहीं मंदिर में भी इसे लेकर व्यापक तैयारी पूरी हो गई है। मंदिर के चारों तरफ बैरिकेड्स लग गए हैं। दर्शनार्थियों का हुजूम भी उमडऩे लगा है। भगवान महाकाल की नगरी में सावन का उल्लास नजर आ रहा है। बाबा महाकाल सहित शहर के अनेक शिवालयों में आस्था का सैलाब नजर आ रहा है। महाकाल मंदिर के आसपास भी तैयारी पूरी हो चुकी है। सवारी में जिन रथों को क्रमानुसार जोड़े जाना हैं, उनकी साफ-सफाई और रंग-रोगन का कार्य भी चल रहा है। चारों तरफ बैरिकेड्स लगाए गए हैं। दर्शनार्थियों का हुजूम भी बाबा के दरबार में नजर आ रहा है।

इस वर्ष कुल छह सवारियां निकाली जाएंगी
भगवान महाकाल की हर साल सावन-भादौ मास में सवारी निकाली जाती है। इसी क्रम में इस वर्ष कुल छह सवारियां निकाली जाएंगी। साथ ही इस बार परंपरागत मार्ग से ही बाबा की पालकी निकाली जाना है। दो वर्षों से कोरोना के कारण बदले हुए मार्ग से सवारी निकाली जा रही थी, लेकिन इस वर्ष परंपरागत मार्ग से सवारी निकाले जाने की चर्चा है। चांदी की पालकी में विराजमान होकर भगवान महाकाल भक्तों को दर्शन देने नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि जिला एवं पुलिस प्रशासन की ओर से सवारी की तैयारियां चल रही हैं।

इन मार्गों से निकलेगी पालकी
बाबा महाकाल की पहली सवारी 18 जुलाई को निकलेगी। सवारी मंदिर से आरंभ होकर गुदरी, कहारवाड़ी, हरसिद्धि पाल, रामानुजकोट, रामघाट पहुंचेगी, जहां क्षिप्रा के जल से जलाभिषेक, आरती-पूजन होगा। इसके बाद सवारी पुन: आगे के लिए रवाना होगी। कार्तिक चौक, ढाबा रोड, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी होते हुए पुन: मंदिर पहुंचेगी।

जानिए कहां कैसे जाएं, कैसी है व्यवस्था

5 नंबर गेट वीआईपी-प्रेस-पुजारी-पुरोहितों के लिए
पुजारी-पुरोहित, प्रेस-मीडिया और वीआईपी को 5 नंबर गेट से प्रवेश दिया जाएगा। यहां से वे सीधे मंदिर परिसर रैम्प होते हुए नंदी हॉल के पीछे बने बैरिकेड्स से दर्शन करेंगे।

बड़े गणेश के सामने से आम भक्तों को प्रवेश
आम दर्शनार्थियों को बड़े गणेश मंदिर के सामने से ही प्रवेश दिया जाएगा। वर्तमान में जिस मार्ग से होकर वे मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं, उसी मार्ग से उनको प्रवेश और निर्गम किया जाएगा।

यह भी पढ़ें : बाबा महाकाल के लाइव दर्शन के लिए यहां करें क्लिक


1500 की रसीद वाले नंदी हॉल तक
सावन-भादौ मास में गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। इस वजह से 1500 की रसीद से दर्शन करने वाले दर्शनार्थियों को नंदी हॉल तक लाया जाएगा। यहां उनके हाथ से जल का पात्र छुआकर बाबा पर अर्पित किया जाएगा। इसके बाद उन्हें काले गेट या रैम्प से बाहर निकाला जाएगा। नंदी हॉल में इसके लिए नए बैरिकेड्स लगाए जाएंगे।