30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

फ्रीगंज की सुंदरता बिगाड़ रहे अवैध निर्माण व कब्जे

फ्रीगंज में पोर्च तो दबाए अब गलियों पर भी कब्जा, कहीं गेट लगाए तो कहीं हो गए निर्माण

2 min read
Google source verification
Illegal construction and occupation spoiling the beauty of Freeganj

फ्रीगंज में पोर्च तो दबाए अब गलियों पर भी कब्जा, कहीं गेट लगाए तो कहीं हो गए निर्माण

उज्जैन। अंग्रेजों के समय बनाए गए फ्रीगंज क्षेत्र की बनावट अवैध निर्माण और अतिक्रमण केे चलते बदरंग हो गई है। यहां आम लोगों के पैदल चलने के लिए बनाए गए पोर्च पर पहले ही अवैध निर्माण कर खत्म से कर दिए गए है। वहीं अब फ्रीगंज क्षेत्र में मकानों के बीच बनी गलियोंं पर भी कब्जा हो गया है। इन गलियों में कहीं पर दरवाजे लगाकर बंद कर दिए गए हैं तो अवैध निर्माण तक कर लिए गए हैं।
फ्रीगंज की जब बसाहट की गई थी तो इसकी प्लानिंग लंदन की तर्ज पर की गई थी। यहां हर ओर चौराहे निकाले गए तो हर चौराहे पर कट दिए गए थे। वहीं मकानों के बीच गलियां निकाली गई थी। इन गलियों बनाने का उद्देश्य यह था कि सफाई के साथ ही आसानी से एक रास्ते से दूसरे रास्ते पर निकला जा सके। बीते सालों में इन गलियों पर कब्जा होता आया है। करीब छह फीट चौड़ी इन गलियों पर कहीं पर अवैध निर्माण कर लिए गए है तो कहीं पर कब्जे के नीयत से दरवाजे तक लगा दिए गए है। स्थिति यह है कि कब्जे व अवैध निर्माण के चलते इनका उपयोग ही बंद हो गया है। बताया जा रहा है फ्रीगंज मेंं इस तरह की करीब ५० से अधिक गलियां है। वर्तमान में कुछ को छोड़कर अधिकांश पर कब्जे हो गए हंै।
निगम की अनदेखी बड़ा रही परेशानी
फ्रीगंज क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण और गलियों पर कब्जे के पीछे नगर निगम की अनदेखी है। खुलेआम गलियों मेंं हुए अवैध निर्माण पर न तो कार्रवाई की जा रही है न ही इनको तोड़ा जा रहा है। यहां तक कि कुछ गलियों पर तो बकायदा गेट लगाकर कब्जा कर व्यक्तिगत इस्तेमाल ही किया जा रहा है। जबकि इन गलियों का उपयोग आम लोगों को पैदल जाने के लिए होना था।
पोर्च पर अवैध निर्माण, नहीं निकल सकते पैदल
फ्रीगंज क्षेत्र में दुकानों के सामने पोर्च बनाए गए थे। उद्देश्य था कि आम लोग सड़क की बजाय इन पोर्च के माध्यम से पैदल निकल सके। बीते सालों में यह पोर्च पर अवैध निर्माण के साथ ही अतिक्रमण हो गया है। पोर्च के ऊपर निर्माण कर लिए गए हैं तो कहीं पोर्च की जगह पर कब्जा कर निर्माण कर लिए गए हैं। यही नहीं पोर्च को एक जैसे रखने की बजाए उंचे ओटले तक निकाल लिए है। लिहाजा यह पोर्च पैदल चलने लायक नहीं रहे। अगर कहीं जगह है तो दुकानदारों ने सामान रखकर अतिक्रमण कर लिया है।
कट चौराहे पर गुमटी, खत्म हुई सुंदरता
फ्रीगंज क्षेत्र में पोर्च और गलियां ही नहीं यहां कट चौराहे बनाए गए थे। इन कट चौराहों पर चारो और जगह खुली रखी गई थी। खुले स्थान के कारण फ्रीगंज क्षेत्र में सुंदरता के साथ इन जगह का उपयोग पार्किंग के लिए भी की जा सके। स्थिति यह है कि इन चौराहे पर गुमटी काबिज हो गई और कट चौराहे एक तरह से खत्म ही हो गए। कट चौराहे की इन खुली जगह पर पक्के निर्माण तक हो गए हैं।