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बीस साल से नहीं चली ये एंबुलेंस, कबाड़ से निकली तो प्रबंधन के गले की हड्डी बन गई

जिला अस्पताल : वाहन का आरटीओ रजिस्ट्रेशन तक नहीं हुआ, रेडक्रॉस सोसायटी को देने की तैयारी

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आशीष प्रताप सिंह भदौरिया@उज्जैन. स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के दावों के बीच उज्जैन जिला अस्पताल में एक रोचक मामला सामने आया है। यहां कबाड़ में से करीब २० साल पुरानी एंबुलेंस निकली है। हैरत इस बात की है कि ये एंबुलेंस एक दिन भी नहीं चली। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज तक इसका आरटीओ रजिस्ट्रेशन तक नहीं करवाया गया। अब ये एंबुलेंस अस्पताल प्रबंधन के गले की हड्डी बन गई है। अस्पताल प्रबंधन इस एंबुलेंस को रेडक्रॉस सोसायटी को देने की तैयारी कर रहा है।


हाल ही में शासन ने जिला अस्पताल प्रबंधन को सर्वसुविधा युक्त दो संजीवनी एंबुलेंस सौपी है। इन एंबुलेंस के रखरखाव के लिए दो सप्ताह पहले जिला अस्पताल के रेडक्रॉस सोसायटी के पीछे बने गैरेज में रखने के निर्देश जारी किए गए। जिसके चलते कबाडऩुमा इस गैरेज को खोला गया तो इसमें से करीब २० वर्ष पुरानी एंबुलेंस निकली। जिसका आरटीओ रजिस्टे्रशन तक नहीं है।
सूत्रों के अनुसार इस एंबुलेंस को सन् १९९६ में तत्कालीन सिविल सर्जन ने रेडक्रॉस सोसायटी के फंड से खरीदा था, लेकिन इसे उपयोग में नहीं लिया गया।
जानकारों की मानें तो इस एंबुलेंस को व्यक्तिगत उपयोग की मंशा से लाया गया था। लेकिन बात उजागर होने पर इसे रेडक्रॉस सोसायटी के बजट के द्वारा खरीदी में दर्शा दिया गया। लेकिन रेडक्रॉस सोसायटी में एंबुलेंस खरीदी का कोई बजट नहीं होने के कारण इसका आरटीओ रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका। क्योंकि शासकीय वाहन के आरटीओ रजिस्ट्रेशन के लिए बजट, खरीदी आदि दस्तावेज होना अनिवार्य है।
२००८ के पहले अधिकारी संचालित करते थे सोसायटी
सन् २००८ के पहले रेडक्रॉस सोसायटी को जिला अस्पताल और अन्य शासकीय अधिकारियों द्वारा संचालित किया जाता था। रेडक्रॉस सोसायटी के संचालन के लिए आने वाले फंड को खर्च करने का अधिकार इन्हीं का रहता था, जिसके चलते पूर्व में रेडक्रॉस सोसायटी में कई बड़े घोटाले हुए है। २००८ के बाद इसे एनजीओ का दर्जा देते हुए संचालन समिति के हाथों में सौंपा गया।
रेडक्रॉस सोसायटी को सौंपेंगे वाहन
&वाहन कब से गैरेज में रखा हुआ है। इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन उक्त वाहन जिला अस्पताल के लिए अनुपयोगी है। इसलिए इसे रेडक्रॉस सोसायटी को सौंपने की प्रक्रिया की जा रही है।
डॉ. राजू निदारिया, सिविल सर्जन