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जेल से जज, आईएएस और आईपीएस के मोबाइल हैक

जेल में पेगासस जैसा मामला, हैकर कैदी से पूछताछ में खुलासा

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उज्जैन. भैरवगढ़ केंद्रीय जेल से साइबर क्राइम के मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब राज्य साइबर सेल की एसआइटी को जांच में पता चला है कि सहायक जेल अधीक्षक और जेलर ने कैदी अमर अनंत अग्रवाल को लैपटॉप और अन्य सुविधाएं मुहैया करवाकर न्यायाधीश,आइएएस और आइपीएस सहित कई बड़े अधिकारियों के मोबाइल, ई-मेल अकाउंट हैक कराकर डेटा ट्रांसफर करवाया था। इसके लिए आरोपी ने कम्प्यूटर वायरस मेलवेयर का उपयोग किया था।

महाराष्ट्र का कैदी अमर जालसाजी के मामले में 2018 से जेल में है। उसने जेल में टीपू सुल्तान पर किताब लिखने की इच्छा जताई थी। इस पर जेल प्रबंधन ने उसे लैपटॉप और इंटरनेट सुविधा मुहैया कराई थी। इसके बाद इस तरह के हैकिंग को अंजाम दिया गया।

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खातों में पैसे भी डाले
कैदी अमर देश विदेश में लोगों के मोबाइल और कम्युटर हैक कर क्रेडिट कार्ड और ऑनलाइन पेमेंट की जानकारी जुटाता था। इन्ही कार्ड से ऑनलाइन शॉपिंग और एयर टिकट बुक कराए जाते थे। यही नहीं खातों में ऑनलाइन रुपए भी ट्रांसफर किए गए। इसके अलावा देश की कई नामचीन होटल्स में बुकिंग कराई गई।

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उदयपुर को होटल में की थी बुकिंग
आरोपी ने उदयपुर की उदय बिलास होटल के लिए बुकिंग की थी। इस मामले में अब साइबर एसआइटी ऐसी सभी होटल्स को मेल भेजकर जानकारी जुटा रही है, जिनके नाम पूछताछ में आए हैं। इस मामले में एसआइटी ने गुरुवार को सहायक जेल अधीक्षक व जेलर के बयान लेने के बाद शुक्रवार को फिर से कैदी अमर के बयान लिए, जिसमें इसका खुलासा हुआ है।

जल्द ही सहायक जेल
अधीक्षक सुरेश गोयल व जेलर संतोष लड़िया सहित अन्य तीन कर्मचारियों पर एफआइआर दर्ज होगी। साइबर सेल अधिकारी का कहना है कि अब तक की जांच में यह स्पष्ट हो चुका है कि कैदी को जेल में लैपटॉप और डोंगल उपलब्ध कराया जा रहा था। एसपी रियाज इकबाल का कहना है कि पूछताछ चल रही है।

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यह है मामला
अमर जालसाजी मामले में बंद है। कोर्ट के आदेश पर उसे उज्जैन से भोपाल जेल शिफ्ट किया गया है। उसने भोपाल जेल प्रशासन को चिट्ठी लिख उज्जैन जेल के अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा धोखाधड़ी करवाने की बात कही थी। लड़िया और गोयल को भोपाल अटैच किया गया है।