
Mahakal Mandir Mahakal Temple Mahakal Sawari Mahakal Prasad
उज्जैन. विश्वविख्यात 12 ज्योतिर्लिंगों में से उज्जैन का महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भी एक है पर इसे सर्वप्रमुख ज्योतिर्लिंग माना जाता है। महादेव यहां महाकाल ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान हैं। यही कारण है कि देश—दुनिया के लाखों शिवभक्त यहां हर साल दर्शन और पूजन के लिए आते हैं। सावन में तो यहां हर रोज भक्तों का मेला सा लगा रहता है। भक्तों का यह उत्साह कोरोनाकाल में भी कम नहीं हुआ है।
सावन के पहले ही दिन से बाबा महाकाल के दर्शन के लिए भक्तों में मानो होड़ सी मची हुई है। यही कारण है कि मंदिर में रोज जबर्दस्त भीड़ जुट रही है। सोमवार के दिन तो दर्शन के लिए आनेवाले भक्तों की कतार कई किमी लंबी हो जाती है। महाकाल दर्शन और पूजन के लिए आने वाले भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर की व्यवस्थाओं में कई परिवर्तन भी किए गए हैं।
बाबा महाकाल के दर्शन—पूजन के लिए आए भक्त उनका प्रसाद पाने के लिए बेताब रहते हैं। यहां प्रसाद के रूप में परंपरागत रूप से लड्डू बांटा जाता रहा है। महाकाल मंदिर में दर्शन और पूजन की ही तरह प्रसाद के लिए भी आनलाइन बुकिंग की सुविधा दी जाती रही है। भक्तों के लिए महाकाल का यह प्रसाद चमत्कारिक है। खास बात यह है कि यह प्रसाद अब और हाईजीनिक भी होने वाला है।
मंदिर में प्रसाद में दिया जा रहा लड्डू अब गुणवत्ता के लिए भी जाना जाएगा। जल्द ही महाकाल मंदिर के प्रसाद के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसआइ) की हाइजीन रेटिंग दी जाएगी। संभवत: देश का पहला मंदिर होगा, जहां लड्डू प्रसादी के लिए हाइजीन रेटिंग होगी। मंदिर का नि:शुल्क अन्न क्षेत्र भी प्रदेश का पहला और देश का तीसरा स्थान है जिसे हाइजीन रेटिंग दी जाएगी।
दरअसल महाकाल मंदिर उज्जैन में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसआइ) द्वारा आयोजित ईट राइट चैलेंज प्रतियोगिता में हाइजीन रेटिंग योजना लागू की जा रही है। इसके लिए प्रक्रिया प्रारंभ भी हो गई है। इसके लिए एफएसएसआइ की एक स्पेशल टीम महाकाल मंदिर आई. टीम के सदस्यों ने मंदिर की लड्डू प्रसादी यूनिट का गहराई से निरीक्षण किया।
Published on:
14 Aug 2021 08:53 am
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