इस भर्ती में उन युवाओं को मौका दिया जाएगा जो उज्जैन में स्थायी रूप से निवास करते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि इन सैनिकों का वेतन सरकार नहीं, बल्कि महाकाल मंदिर समिति देगी। मोहन सरकार के इस कदम से स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे साथ ही महाकाल मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था भी मजबूत होगी।
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सीएम मोहन यादव ने धार्मिक न्यास विभाग के उद्घाटन कार्यक्रम में महाकाल मंदिर की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी होमगार्ड सैनिकों को सौंपने की घोषणा की थी। इस भर्ती के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। लेकिन वित्त विभाग से अभी तक अनुमति नहीं मिली है। जैसे ही वित्त विभाग से सैनिकों की तैनाती की मंजूरी मिलेगी, वैसे ही होमगार्ड सैनिकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
अभी है यह स्थिति
महाकाल मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी वर्तमान में मुंबई की एक निजी कंपनी के पास है। हालांकि, इस निजी कंपनी के सुरक्षा गार्डों पर भक्तों से दर्शन के लिए पैसे मांगने और उनके साथ गलत व्यवहार करने के आरोप लगे हैं। यह आरोप मंदिर प्रशासन और स्थानीय जनता के बीच चिंता का विषय बना हुआ हैं, क्योंकि महाकाल मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है और वहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को पूरी तरह से सम्मान और सुरक्षा मिलनी चाहिए। ऐसे आरोपों से मंदिर की छवि पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।