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महाकाल मंदिर : पूरे श्रावण मास रहेगी यह व्यवस्था…

श्रावण मास ( Shravan month ) के दौरान महाकाल मंदिर ( Mahakal Temple Ujjain) में श्रद्धालुओं का खासा दबाव रहता है। दर्शन के लिए सुलभता से प्रवेश देने के लिए मंदिर प्रबंध समिति द्वारा व्यवस्था तैयार की गई है। इसके तहत आम श्रद्धालुओं को 6 नंबर द्वार से प्रवेश दिया जाएगा। यह व्यवस्था बुधवार से लागू कर दी गई है।

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उज्जैन. श्रावण मास के दौरान महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं का खासा दबाव रहता है। श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए सुलभता से प्रवेश देने के लिए मंदिर प्रबंध समिति द्वारा व्यवस्था तैयार की गई है। इसके तहत आम श्रद्धालुओं को 6 नंबर द्वार से प्रवेश दिया जाएगा। यह व्यवस्था बुधवार से लागू कर दी गई है। श्रावण में आने वाले कावड़ यात्रियों को भस्मआरती गेट से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।

बड़ी संख्या में कावड़ यात्रियों का आगमन

श्रावण के दौरान भगवान महाकाल का जलाभिषेक करने के लिए बड़ी संख्या में कावड़ यात्रियों का आगमन होता है। इसके अलावा प्रदेश के लगभग 15 जिलों और अन्य प्रांतों से कावड़ आती है। इस दौरान महाकाल मंदिर में दर्शन व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने आम श्रद्धालुओं और कावड़ यात्रियों को नंदी हॉल बैरिकेड्स तक लाने के लिए दो अलग-अलग योजना तैयार कर ली है।

- कावड़ यात्रियों को बड़े गणेश मंदिर मार्ग स्थित भस्म आरती गेट मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। वे विश्रामधाम से सभा मंडप होते हुए यहां लगे जलपात्र से भगवान को जल अर्पित करते हुए नंदी हॉल के पीछे बैरिकेड्स से राजाधिराज के दर्शन करेंगे। दर्शन व्यवस्था को सुविधाजनक बनाने के लिए जल्द ही एक और बैठक होगी।

- कावड़ के लिए प्रवेश की अनुमति लेने आने वाले संघ-संगठनों से कहा जाएगा कि श्रावण मास में शनिवार, रविवार और सोमवार को अत्याधिक भीड़ रहती है। व्यवस्था की दृष्टि से कावड़ यात्रियों को मंगलवार से शुक्रवार तक चार दिन लेकर आए, जिससे कि सभी को दर्शन में आसानी हो।

आम श्रद्धालुओं के प्रवेश की व्यवस्था में बदलाव
महाकाल मंदिर परिसर में आम श्रद्धालुओं को प्रवेश देने की व्यवस्था में बुधवार से बदलाव कर दिया गया है। इसके बाद श्रद्धालुओं को गेट नंबर ६ से सीधे कार्तिकेय मंडपम् से होते हुए नंदीहॉल बेैरिकेड्स में ले जाया जा रहा है। गत वर्ष सावन में इसी तरह की व्यवस्था थी।

- महाकाल मंदिर में अभी तक आम श्रद्धालुओं को अभी पुराने प्रशासनिक भवन के सामने से फेसेलिटी सेंटर, कॉरिडोर, विश्रामधाम, मारबल गलियारे, सभामंडप से नंदी हॉल बैरिकेड्स, नंदी हॉल तक ले जाया जा रहा था।

- प्रवेश के लिए बुधवार से प्रारंभ व्यवस्था में श्रद्धालुओं को प्रशासनिक भवन के सामने से फेसेलिटी सेंटर, कॉरिडोर तक लाने के बाद मंदिर के पुराने नैवेद्य निर्माण कक्ष के पास के 6 नंबर गेट से पंचायती महानिर्वाणी अखाडे़ के सामने से होते हुए कर्तिकेय मंडपम्, गणेश मंडपम् से नंदी हॉल बैरिकेड्स से दर्शन कराने के बाद निर्गम रैंप से बाहर किया जा रहा है। इससे श्रद्धालुओं को कार्तिकेय मंडपम्, गणेश मंडपम्, नंदीहॉल बैरिकेड्स से गुजरने के दौरान तीन बार भगवान महाकाल के दर्शन का लाभ मिला। यह व्यवस्था पूरे श्रावण मास तक रहेगी।

- महाकाल मंदिर के प्रभारी अधिकारी मूलचंद जूनवाल के अनुसार योजना श्रद्धालुओं को धूप और बरसात से बचाने के लिए 6 नंबर गेट से पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के सामने से होते हुए कार्तिकेय मंडपम् द्वार तक शेड लगाया गया है। आम श्रद्धालु को भगवान के जलाभिषेक के लिए जल अर्पित करने की सुविधा देने के लिए कार्तिकेय मंडपम्, गणेश मंडपम् जलपात्र लगाया जाएगा।