महाकाल मंदिर: भस्म आरती श्रद्धालुओं के लिए हो रही यह खास व्यवस्था
उज्जैनPublished: Oct 08, 2018 12:38:28 am
भस्म आरती द्वार में बदलाव, अब श्रद्धालुओं को मिलेगी बैठने की सुविधा
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मंदिर प्रबंध समिति का प्लान, डिस्पेंसरी के सामने से होल्डअप में होगा प्रवेश भस्म आरती द्वार में बदलाव, अब श्रद्धालुओं को मिलेगी बैठने की सुविधा
उज्जैन. महाकालेश्वर के भक्तों को भस्मआरती में प्रवेश के लिए सड़क पर बैठकर इंतजार नहीं करना होगा। इनके प्रवेश द्वार और व्यवस्था को बदला जाएगा है, जिसमें श्रद्धालुओं को छत और बैठने की सुविधा मिलेगी।
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने भस्म आरती में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश द्वार बदलने का निर्णय कर इसका प्लान बना लिया है। इसके लागू होने के बाद श्रद्धालुओं को गेट चार वर्तमान भस्म आरती द्वार की बजाए मंदिर की डिस्पेंसरी के पास से प्रवेश दिया जाएगा। इसके बाद श्रद्धालु पुराने प्रशासनिक कार्यालय के सामने और कॉरिडोर की छत पर निर्मित शेडवाले होल्डअप से फेसेलिटी सेंटर, कॉरिडोर, मारबल गलियारे, विश्रामधाम, सभामंडप से होकर नंदीहॉल बैरिकेड्स तक पहुंच सकेंगे। इसमें श्रद्धालुओं को हवा-पानी के साथ बैठने की सुविधा भी मिल जाएगी। मंदिर समिति ने शेडवाले होल्डअप में पंखों के साथ चेयर लगाई है। फिलहाल आने वाले श्रद्धालु शेडवाले होल्डअप में बैठकर प्रवेश के लिए इंतजार कर सकते हैं।
सड़क पर बैठकर करना पड़ता था इंतजार
श्रद्धालुओं को वर्तमान में बड़े गणेश मार्ग स्थित महाकाल मंदिर के गेट नबंर चार से विश्रामधाम से सभामंडप होकर नंदीहॉल भेजा जाता है। यहां स्थान कम होने की वजह से श्रद्धालुओं को भस्मआरती से कुछ देर पहले ही प्रवेश मिलता है। भस्म आरती के लिए रात करीब २ बजे से प्रवेश दिया जाता है। जल्द प्रवेश और आगे स्थान मिलने की लालसा में बाहर से आने वाले अधिकांश श्रद्धालु रात १०-११ बजे से कतार में लग जाते हैं। मंदिर का भस्मआरती द्वार बंद रहने से सभी को सड़क पर बैठकर प्रवेश का इंतजार करना पड़ता है। इसे देखते हुए मंदिर प्रबंध समिति ने भस्म आरती के श्रद्धालुओं को प्रवेश देने के लिए नया प्लान तैयार किया है।