22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Mahakaleshwar Darshan: यहां शिव दर्शन करने महिलाएं करती हैं घूंघट, पुरुषों के लिए भी है खास नियम

Mahakal Ujjain Bhama Arti: भोलेनाथ जितने सहज और सरल हैं, उतने ही रहस्यमयी भी हैं। पूरे भारत में अपने रहस्यमय स्वरूपों में भगवान शिव के सबसे रहस्यमयी स्वरूपों में से एक है महाकाल। मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में में शिव का यह स्वरूप भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है...इस स्वरूप के दर्शन के लिए महिलाओं समेत पुरुषों को भी नियमों का पालन करना होता है...

3 min read
Google source verification
Mahakaleshwar

Mahakaleshwar Ujjain Bhasma Arti

Mahakaleshwar Darshan: भोलेनाथ जितने सहज और सरल हैं, उतने ही रहस्यमयी भी हैं। पूरे भारत में अपने रहस्यमय स्वरूपों में भगवान शिव के सबसे रहस्यमयी स्वरूपों में से एक है महाकाल। मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में में शिव का यह स्वरूप भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। हर दिन महाकाल का शृंगार किया जाता है और हर दिन 5 आरती की जाती हैं।

महाकाल मंदिर उज्जैन (Mahakaleshwar Temple Ujjain) में बाबा के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी लाइन एक दिन नहीं या किसी विशेष दिन नहीं बल्कि हमेशा ही रहती है।

वहीं भस्म आरती (Bhasm Aarti) में भी बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते हैं। भोर में 4 बजे की जाने वाली यह आरती बेहद खास मानी जाती है, इसीलिए हर कोई चाहता है कि वे यदि महाकाल के दर्शन करने आ रहा है, तो भस्म आरती में जरूर शामिल हो। लेकिन आपको बता दें कि इस आरती में शामिल होने के लिए पुरुषों और महिलाओं के लिए कुछ खास नियम हैं...जिन्हें फॉलो करना अनिवार्य है..

भस्म आरती में शामिल होने के लिए पुरुषों और महिलाओं के लिए एक ड्रेस कोड (Dress Code) तय है। यदि इस ड्रेस कोड का पालन नहीं किया जाता, तो भस्म आरती में शामिल होने की परमिशन भी नहीं दी जाती।

पुरुषों के लिए ये है ड्रेस कोड

भस्म आरती दर्शन (Bhasm Aarti Darshan) करने के लिए पुरुषों को कुछ नियमों का पालन करना होता है उन्हें इस आरती को देखने के लिए केवल धोती पहननी होती है। धोती साफ और सूती होनी चाहिए।

महिलाओं को करना होता है घूंघट

ड्रेस कोड ( Bhasm Aarti Dress code) के साथ ही उन्हें एक खास नियम का पालन करना होता है। महिलाओं को आरती में शामिल होने के लिए साड़ी पहनना अनिवार्य है। वहीं जब शिवलिंग पर भस्म चढ़ाई जाती है, तो उस समय उन्हें घूंघट करने को कहा जाता है। यानी महिलाएं भगवान शिव के इस स्वरूप के दर्शन घूंघट की आड़ से ही कर सकती हैं।

क्यों करना होता है घूंघट

दरअसल माना जाता है कि उस भस्म आरती के समय भगवान शिव (Lord Shiva) अपने निराकार रूप में होते हैं और महिलाओं को भगवान शिव के इस स्वरूप के प्रत्यक्ष दर्शन करने की अनुमति नहीं होती।

ऐसे शुरू हुई भस्म आरती की परंपरा (Bhasm Aarti Tradition )

पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि प्राचीन काल में दूषण नाम के एक राक्षस की वजह से पूरी उज्जैन नगरी में हाहाकार मचा था। नगरवासियों को इस राक्षस से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान शिव ने उसका वध कर दिया। फिर गांव वाले भोले बाबा से यहीं बस जाने का आग्रह करने लगे।

तब से भगवान शिव महाकाल के रूप में वहां बस गए। शिव ने दूषण को भस्म किया और फिर उसकी राख यानि भस्म से अपना शृंगार किया। इसी वजह से इस मंदिर का नाम महाकालेश्वर रख दिया गया और शिवलिंग की भस्म से आरती की जाने लगी।

ये भी देखें: MP Encounter: मां को बंधक बनाकर बेटी का रेप करने वाले का शॉर्ट एनकाउंटर, देखें वीडियो

पहले ऐसे की जाती थी आरती (Mahakal Aarti)

भोर में 4 बजे होने वाली आरती को भस्म आरती इसलिए कहा जाता है क्योंकि महाकाल बाबा की पहली आरती के समय बाबा महाकाल का श्मशान में जलने वाली सुबह की पहली चिता की भस्म से शृंगार किया जाता था।

इस भस्म से बाब महाकाल का शृंगार हो इसके लिए भी लोग पहले से ही रजिस्ट्रेशन कराते हैं और मृत्यु के बाद उनकी भस्म से भगवान शिव का शृंगार किया जाता था

ये भी पढ़ें: क्या आपने भी घर में लगा रखा है चुराया हुआ मनीप्लांट? अगर हां तो जरूर पढ़ें ये खबर

ऐसे कर सकते हैं ऑनलाइन बुकिंग (Online Booking)

  • सबसे पहले आपको आधिकारिक वेबसाइट shrimahakaleshwar.com पर जाना होगा।
  • होमपेज पर जाकर Mahakal Darshan/Bhasm Aarti Booking पर क्लिक करें।
  • इसके बाद दर्शन या आरती हेतु तारीख का चयन करें।
  • यहां अपना पंजीकरण करें। यहां पर आपको आधार कार्ड, पैन कार्ड, लाइसेंस, पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ, मोबाइल नंबर की आवश्कता पड़ सकती है।
  • बुकिंग के बाद आपके मोबाइल पर एसएमएस आ जाएगा।
  • ध्यान रहे यहां महिलाओं व बच्चों के दर्शन की बुकिंग के लिए कोई शुल्क नहीं जमा करना होगा।

ये हैं नियम शर्तें

  • महाकाल के दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग 60 दिन पहले करवा सकते हैं।
  • इसके अलावा दर्शन से 2 दिन पहले भी टिकट बुक कर सकते हैं।
  • एक व्यक्ति अपने खाते से मात्र 10 लोगों की बुकिंग कर सकता है।
  • ऑनलाइन बुकिंग के लिए श्रद्धालुओं को 200 रुपये का भुगतान करना होता है।

ये भी पढ़ें : MP News: एमपी में फिर बर्बरता, युवक को पेशाब पिलाया, मुंह पर कालिख पोती, जूते की माला पहनाकर घुमाया