
शाजापुर जिले की महिला की मौत पर परिजनों ने नर्स और चिकित्सक पर लगाए लापरवाही के आरोप, मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझाइश दी, महिला की पीएम रिपोर्ट में पलमनरी इम्बॉलिजम होना सामने आया
उज्जैन. चरक अस्पताल में प्रसूति के लिए भर्ती हुई महिला का गुरुवार ऑपरेशन हुआ, इसकेमहज डेढ़ घंटे बाद ही उसकी मौत हो गई। महिला की मौत पर परिजन बिफर गए। उन्होंने अस्पताल के बाहर चक्काजाम कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझाकर शांत किया। वहीं पोस्टमार्टम करवाया तो उसमें मौत का कारण महिला के फेफड़े में खून के थक्के पहुंचने से सांस रुकना बताया गया है। हालांकि अस्पताल प्रशासन की ओर से घटना को लेकर जांच के आदेश दिए हंै।
चरक अस्पताल में शाजापुर जिले के ग्राम करजू निपानिया की लक्ष्मी (२३) पति शांतिलाल प्रसूति के लिए ८ अक्टूबर को भर्ती हुई थीं। गुरुवार सुबह ११ बजे उसका ऑपरेशन कर डिलिवरी की गई। लक्ष्मी ने २ किलो ६०० ग्राम वजन के स्वस्थ लड़के को जन्म दिया। ऑपरेशन के बाद उसे वार्ड में शिफ्ट किया। इसके थोड़ी ही देर बाद लक्ष्मी की तबीयत बिगडऩे लगी। परिजनों ने वार्ड के नर्स व डॉक्टरों को इसकी सूचना दी। इससे पहले कुछ उपचार होता लक्ष्मी ने दम तोड़ दिया। लक्ष्मी की अचानक मौत से परिजन नाराज हो गए। उसके शव को एंबुलेंस में रखकर ले जाने लगे तो परिजनों ने अस्पताल के बाहर गेट पर ही प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। परिजन सड़क पर बैठ गए। वहीं महिला के पति शांतिलाल का कहना है कि लक्ष्मी की तबीयत बिगडऩे पर नर्स व चिकित्सकों को सूचना दी लेकिन समय रहते उसका इलाज नहीं किया। अस्पताल के बाहर चक्काजाम के चलते कोतवाली पुलिस थाना प्रभारी जितेंद्र भास्कर पहुंचे और उन्हें समझाइश दी। बाद में महिला के शव पोस्टमार्टम के लिए पहुंचाया।
उल्टा बच्चा, खून की कमी और गर्भाशय में थी पानी की कमी
डिलिवरी करवाने वाली डॉ संगीता पलसानिया का कहना है कि महिला का पहला बच्चा था। उसकी डिलिवरी की डेट ७ अक्टूबर की थी लेकिन वह ८ अक्टूबर को आई थी। दो दिन हमने देखा और उसके बाद गुरुवार सुबह ऑपरेशन कर डिलिवरी की गई। महिला को खून की कमी थी। उसे खून चढ़ाकर डिलिवरी की गई। गर्भाशय में पानी भी कम था और बच्चा भी उल्टा। फिर भी हमने ऑपरेशन कर डिलिवरी की। खून की कमी के चलते महिला के फेफड़े में खून का थक्का चला गया, इसी से उसकी सांस रुकी और मौत हो गई। इस परिस्थिति को मेडिकल में पलमनरी इम्बॉलिजम कहते हैं। जब मरीज की यह स्थिति बनती है तो ब्लड प्रेशर गिरता जाता है। पीएम रिपोर्ट में भी यही सामने आया है।
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आगर, शाजापुर में महिला विशेषज्ञ नहीं
चरक अस्पताल में जिस महिला की मौत हुई है उसके पीछे एक वजह आगर व शाजापुर में महिला चिकित्सक विशेषज्ञ नहीं होना है। इन क्षेत्रों में प्रसूताओं की तबीयत बिगड़ती है तो इन्हें उज्जैन रेफर किया जाता है। चरक अस्पताल में जिस महिला की मौत हुई है उसके बारे में बताया जा रहा है कि परिजन पहले गांव से शाजापुर अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टर नहीं होने से परिजन उसे आगर ले गए। यहां भी पता चला कि डॉक्टर नहीं है तो उसे उज्जैन रेफर किया गया। यदि महिला के समय रहते क्षेत्र में उपचार मिलता तो शायद उसकी मौत नहीं होती। चरक अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि डॉक्टर के नहीं होने से शाजापुर-आगर में तो ऑपरेशन एवं डिलिवरी ही नहीं हो रही है।
इनका कहना
हमने जांच के आदेश दिए
महिला के ऑपरेशन के डेढ़ घंटे के बाद ही उसकी मृत्यु हो गई है। अभी यह कहना मुश्किल है कि कहां गड़बड़ी हुई है। मैंने जांच के निर्देश दिए हैं।
- सीएस परमार, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
Published on:
11 Oct 2019 08:00 am
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