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उज्जैन. इन दिनों सभी की निगाह आसमान पर अटकी हैं। हर किसी को झमाझम बारिश का इंतजार है। पिछले 15 दिन से पारा 36 से 38 डिग्री के बीच है। गर्मी-उमस और एक भी दिन प्री-मानसून की झमाझम बारिश नहीं हुई। जून के पहले पखवाड़े की यह स्थिति लगातार पांचवें वर्ष भी यथावत बनी हुई है।
आगे बढऩे से पहले कमजोर हो गया मानसून
आगे बढऩे से पहले ही मानसून कमजोर हो गया। वर्ष 2013 में मानसून 11 जून को आया था। इसके बाद तो सतत मानसून ने जून के अंत तक तरसाया है। उत्तर-दक्षिण भारत में मानसून की अच्छी और समय से पहले शुरुआत होने की उम्मीद थी कि मालवा में समय पर आ जाएगा। अब तेज बारिश का इंतजार करना पड रहा है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार मानसून फिलहाल ठहर सा गया है।
कोई शक्तिशाली सिस्टम नहीं बन रहा
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में फिलहाल कोई शक्तिशाली सिस्टम नहीं बनने से मानसून को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पा रही। इस वजह से मानसून आगे नहीं बढ़ पा रहा। अगले चार दिन में मानसून के आगे बढऩे के आसार हैं।
उमस और गर्मी बरकरार
शनिवार को सुबह आसमान में बादल छाए रहे। इस बीच 14 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा भी चली। हवा में नमी के कारण उमस का असर बना हुआ था। अधिकतम तापमान 37.5 डिग्री रहा। रात का तापमान भी अधिक बना हुआ है। शुक्रवार- शनिवार की दरमियानी रात का तापमान 25.5 डिग्री दर्ज किया गया।
छह वर्षों में तरसाया
मानसून के आने की बात करें, तो ६ वर्षों में उज्जैन को इसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ा है। इस वर्ष भी ऐसी ही स्थिति बनती नजर आ रही है।
जानिए, कब-कब आया मानसून
- 2011 में 22 जून को
- 2012 में 04 जुलाई को
- 2013 में 11 जून को
- 2014 में 10 जुलाई को
- 2015 में 14 जून को
- 2016 में 22 जून को
- 2017 में 25 जून को
- आंकड़े मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार।
Published on:
16 Jun 2018 07:38 pm
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