
मौसम बदलने के साथ ही महाकाल मंदिर में गरम जल से स्नान की परंपरा होगी शुरू
उज्जैन. दीपोत्सव के एक दिन पूर्व रूप चौदस पर भगवान महाकाल का सुगंधित द्रव्यों से विहंगम स्नान होगा। मंदिर के पुजारी-पुरोहित भस्म आरती के दौरान इस परंपरा निर्वाह करेंगे। साथ ही इसी दिन से बाबा महाकाल को आने वाले चार माह तक गरम जल से स्नान कराए जाने की परंपरा भी शुरू होगी।
राजाधिराज भगवान महाकाल को २६ अक्टूबर रूप चौदस के दिन दिव्य सुगंधित द्रव्य पदार्थों से विहंगम स्नान कराया जाएगा। तड़के 4 बजे होने वाली भस्म आरती के दौरान यह प्रक्रिया की जाएगी। इसके साथ ही महाकाल मंदिर में सबसे पहले अन्नकूट और दीपोत्सव का त्योहार मनाया जाएगा। सबसे पहले बाबा के आंगन में फूलझड़ी, अनार-चकरी और आतिशबाजी होगी। पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि इत्र, सुगंधित पुष्प और अन्य द्रव्य पदार्थों से बाबा महाकाल का विहंगम स्नान कराया जाएगा।
14 अक्टूबर से बदल गया भगवान की आरती का समय
श्री महाकालेश्वर मंदिर में भगवान की प्रतिदिन होने वाली आरतीयों का समय 14 अक्टूबर कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से 9 मार्च फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तक के लिए बदल गया है। इन दिनों में भस्म आरती सुबह 4 से 6, दद्योदक आरती सुबह 7.30 से 8.15, भोग आरती सुबह 10.30 से 11.15, संध्याकालीन आरती शाम 6.30 से 7.15, सायंकालीन पूजन शाम 5 से 5.45 तथा शयन आरती रात 10.30 से 11 बजे तक होगी।
महाकाल मंदिर में पूछताछ काउंटर शुरू
उज्जैन. भगवान महाकाल के मंदिर में शुक्रवार से पूछताछ काउंटर की शुरुआत हो गई। पर्व और सामान्य दिनों में आने वाले श्रद्धालुओं को इस काउंटर से समस्त जानकारियां उपलब्ध होंगी। इसी काउंटर पर फिलहाल 250 रुपए की शीघ्र दर्शन टिकट भी दी जा रही हैं।
Published on:
20 Oct 2019 08:00 am
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