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छत पर बनाया गार्डन, गमले में उगा लिए चीकू, अनार और स्ट्रॉबेरी

गार्डन तो आपने कई देखे होंगे। प्रकृति से प्रेम रखने वाले लोग घरों में गार्डन बनाते हैं और उसमें कई पेड़-पौधे लगाते हैं।

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प्रशांत शर्मा@उज्जैन. गार्डन तो आपने कई देखे होंगे। प्रकृति से प्रेम रखने वाले लोग घरों में गार्डन बनाते हैं और उसमें कई पेड़-पौधे लगाते हैं। परंतु क्या आप सोच सकते हैं कि प्रकृति का प्रेम और गार्डनिंग में किसी ने घर में ३०० गमले और १०० से भी अधिक प्रजाति के पौधे लगाए हों। महावीर एवेन्यू निवासी पारस कुमार जैन ने अपने इस प्रकृति प्रेम के कारण अपने घर में ३०० गमले लगाए हैं और इन गमलों में करीब १०० से अधिक प्रजाति पौधे के शामिल हैं।


पेशे से वास्तुकार पारस कुमार जैन को प्रकृति से काफी प्रेम हैं। उन्हें हरियाली के बीच समय बिताना काफी पसंद है। अपने इसी प्रेम के चलते उन्होंने अपने घर में ही अनोखा गार्डन तैयार किया है। उन्होंने अपने इस गार्डन में फल, फूल, शो वाले और विलक्षण पौधों का संग्रह किया हुआ है।

३०० गमलों का गार्डन
पारस कुमार जैन के महावीर एवेन्यू स्थित निवास में करीब ३०० गमले हैं। इनमें कुछ छोटे और कुछ बड़े गमले हैं। घर के बरामदे से लेकर छत और छत पर जाने वाले रास्ते पर उन्होंने इन गमलों को रखा है और इनमें पौधे लगा रखे हैं। पारस कुमार जैन के पास करीब २८ प्रकार के गुलाब, १४ प्रकार की तुलसी , रुद्राक्ष, ब्रह्म कमल, स्वर्ण चंपा जैसे विलक्षण पौधों के साथ चीकू, अनार, स्ट्रॉबेरी, नींबू, आंवले के पौधे भी लगा रखे हैं। विशेष बात यह है कि ये सभी पौधे उन्होंने गमलों में ही तैयार किए हैं। चीकू, अनार, स्ट्रॉबेरी, नींबू उगते हैं और उनका उपयोग में घर में ही कर लेते हैं।

छोटे गमले में खिल रहा है कमल
कमल यूं तो अक्सर कीचड़ और तालाब में खिलता है, परंतु पारस कुमार जैन ने एक छोटे से गमले में कमल खिला रखा है। पारस कुमार जैन का कहना है कि इसके लिए भी उनका विशेष ख्याल रखता है। कमल को सहेजना थोड़ा सा मुश्किल होता है, क्योंकि उसकी जड़े काफी गहरी होती है। छोटे गमले में उसकी देखरेख अधिक करना पड़ती है।

८००० रुपए मासिक खर्च आता है
पारस कुमार जैन का कहना है कि इन पौधों की देखभाल के लिए उन्होंने एक माली भी रखा हुआ है, जो सप्ताह में एक बार आकर पौधों की जरूरत के हिसाब से उनकी कटिंग, खाद, पानी की व्यवस्था करता है। पौधों की दवा, खाद, गुढ़ाई, माली का खर्च जोड़कर करीब ८ हजार रुपए मासिक खर्च होते हैं। पारस कुमार जैन का कहना है कि अभी तो उनके पास करीब ३०० पौधे हैं और वे इस संख्या में १००० करना चाहते हैं। पारस कुमार का कहना है कि उनका प्रयास है कि लोग प्रकृति के प्रति प्रेम बढ़ाए और पेड़-पौधे लगाए।