
Mahabharata,Maha Ashtami,Gaj lakshmi worship,pandav,shraddha,Pitru Paksha fair,Lakshmi Ji,
उज्जैन. श्राद्ध पक्ष की अष्टमी पर नई पेठ स्थित गजलक्ष्मी मंदिर में हाथी अष्टमी मनाई जाएगी। इस मंदिर की कथा महाभारत काल से जुड़ी है। बताया जाता है कि पांडव अज्ञातवास के दौरान अपनी माताश्री कुंती को अष्टमी की पूजा संपन्न कराने के लिए इंद्र से हाथी मांगकर लाए थे।
श्राद्ध पक्ष में आती है हाथी अष्टमी
मंदिर के पुजारी पं. राजेश शर्मा ने बताया कि श्राद्ध पक्ष की अष्टमी, हाथी अष्टमी के रूप में मनाई जाती है। इस दिन सुहागन महिलाएं मिट्टी का हाथी बनाकर उस पर मिट्टी की लक्ष्मी को विराजित करती हैं और फिर बेसन व आटे से बने गहने मां लक्ष्मीजी को धारण करती हैं।
यह है कथा
पं. राजेश शर्मा के अनुसार अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने अपना सारा राजपाट हार कर दीनहीन रहने लगे। कौरवों को घमंड आया कि सारा राजपाठ हमारा हो गया है। लक्ष्मी हम पर मेहरबान हैं, इस कारण हम महापूजन करेंगे। अष्टमी का दिन निकट आने के पहले कौरवों ने मिट्टी के विशाल हाथी का निर्माण कराया और सभी को पूजा के लिए आमंत्रित किया। दूसरी ओर माता कुंती पूजन को लेकर चिंतित थीं। अर्जुन ने देवराज इंद्र को स्थिति से अवगत कराया और इंद्र ने ऐरावत नाम का हाथी धरती पर भेजा। इधर, कौरवों द्वारा पूजा की तैयारी चल रही थी और इंद्र ने घमासान बारिश शुरू कर दी, जिसके कारण कौरवों का मिट्टी का हाथी पानी में बह गया। दूसरी ओर कुंती ने विधि विधान से मां लक्ष्मी का पूजन किया। कुछ ही समय बाद पांडवों ने अपना खोया वैभव और राजपाट पुन: प्राप्त कर लिया।
आज होगा दुग्धाभिषेक
अतिप्राचीन गजलक्ष्मी मंदिर में मंगलवार को गजअष्टमी पर लक्ष्मीजी का दूध से अभिषेक करने के बाद विशेष शृंगार किया जाएगा। इसके अलावा महिलाएं मिट्टी के हाथी पर लक्ष्मीजी को विराजित कर आटे-बेसन से बने आभूषण अर्पित कर पूजन अर्चन करेंगी। नईपेठ स्थित गजलक्ष्मी मंदिर संभवत: भारत का एकमात्र एेसा प्राचीन मंदिर है, जिसमें लक्ष्मीजी सफेद एेरावत (गज) पर विराजित हैं। मंदिर के पुजारी पं. शर्मा ने बताया अश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी गज अष्टमी कहलाती है। इस दिन प्राचीन गजलक्ष्मी मंदिर में दूध से अभिषेक के साथ गजलक्ष्मी के पूजन का विधान है। मंगलवार को गज अष्टमी पर मंदिर में श्रद्धालु परिवार की सुख-शांति, समृद्धि, संपन्नता की कामना के साथ अभिषेक, पूजन करेंगे। सुहागन महिलाएं मिट्टी के हाथी पर लक्ष्मीजी को विराजमान कर पूजन करने के साथ आटे-बेसन से बने गहनें अर्पित करेंगी। पं. शर्मा ने बताया मंगलवार को सुबह 8 से 11 बजे तक दुग्धाभिषेक होगा। इसके बाद माता लक्ष्मी का 16 शृंगार कर 12 बजे आरती होगी। शाम 6 से रात 8 बजे तक भजन संध्या का आयोजन होगा। रात 9 बजे आरती के बाद प्रसादी का वितरण किया जाएगा।
Published on:
01 Oct 2018 08:13 pm
बड़ी खबरें
View Allउज्जैन
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
