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पत्रिका के ६७वें स्थापना दिवस पर नशा मुक्ति केंद्र पर दिलाई गई शपथ

समाज के लिए अभिशाप है नशा, समाज के लोग भी आगे आकर करें मदद

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Pledge administered at the drug de-addiction center on the 67th founda

Patrika ujjain Nasha mukti abhiyan

उज्जैन। पत्रिका के ६७ वें स्थापना दिवस पर बुधवार दोपहर मक्सी रोड स्थित नशा मुक्ति केंद्र पर शपथ दिलाई गई। शपथ के दौरान युवाओं को नशे से दूर रहने और अपने आसपास रहने वाले लोगों को धूम्रपान, शराब, स्मैक, गांजा व तम्बाखू जैसे मादक पदार्थ के आदि लोगों को जागरुक कर नशे से दूर करने की शपथ भी दिलाई। इस बीच नशा मुक्ति केंद्र के प्रभारी और अध्यक्ष चिंतामण गेहलोत ने बताया कि हमारे पास जो भी नशे की दलदल में फंसा व्यक्ति या युवक आता है तो उसका तीन माह तक इलाज करते हैं। जिसमें दवाईयां, काउंसलिंग, कसरत और योग शामिल हैं। जब वह ठीक हो जाता है तो अगले महीने तक उस पर नजर रखी जाती है। ताकि वह दोबारा नशा करने न लग जाए।
- दो साल से नही मिल रहा मानदेय, इसलिए आ रही परेशानी
नशा मुक्ति केंद्र के अध्यक्ष गेहलोत ने बताया कि पिछले दो साल से सरकार की ओर से केंद्र में काम करने वाले १२ लोगों का मानदेय नहीं पहुंचा है। इसके बाद भी वे नशा मुक्त अभियान में लगे हैं और आसपास के गांव व कस्बों में जाकर नशे के प्रति लोगों को जागरुक किया जा रहा है।

हालांकि फिलहाल केंद्र में पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से नशे से मुक्त होने वाले यहां भर्ती नहीं हो रहे हैं। अगर सरकार केंद्र को उचित व्यवस्था देती है तो यह प्रदेश में पहले नंबर का केंद्र हैं जहां सबसे ज्यादा युवाओं को नशा मुक्त किया गया है।
- समाज के लोग भी नहीं करते नशा पीडि़ेतों को मदद
नशा मुक्ति केंद्र के योग टीचर महेश पाटीदार ने बताया कि समाज के हर तबके के लोग धार्मिक आयोजन या अन्य आयोजन में दान करते हैं, परंतु नशा पीडि़तों के लिए समाज आगे नहीं आता। जबकि अगर समाज के लोग नशा मुक्ति के लिए आगे आते हैं तो कईं परिवार इससे मुक्त हो जाएंगे।