
सिविल जज वर्ग-2 के परिणाम घोषित
शाजापुर. सिविल जज वर्ग-2 के बुधवार दोपहर घोषित हुए परीक्षा परिणाम में कुल 157 प्रतिभागियों का चयन हुआ है। इसमें शाजापुर की दो बेटियां भी शामिल हैं। शहर के गायत्री नगर में रहने वाली पूजा विजयवर्गीय और जिले के ग्राम टांडा बंजारी निवासी नीलम गुर्जर ने उक्त परीक्षा में क्रमश: 15वीं और 102वीं रैंक हासिल की है। एक साथ दो बेटियों के सिविल जज बनने पर दोनों के परिजनों सहित इष्ट मित्रों और शिक्षकों ने हर्ष व्यक्त करते हुए बधाई दी। परिणाम घोषित होते ही दोनों को बधाई देने वालों का तांता लग गया।
पहली बार में ही पूजा ने हासिल की उपलब्धि
महज 23 वर्ष की आयु में और पहली ही बार में 15वीं रैंक के साथ सिविल जज बनने वाली शहर के समाजसेवी गायत्री विजयवर्गीय और ओपी विजयवर्गीय की बेटी पूजा ने पत्रिका से चर्चा में बताया कि केंद्रीय विद्यालय में कक्षा 9वीं में पढ़ाई करने के दौरान ही तय कर लिया था कि सिविल जज बनना है। ऐसे में अपना पूरा ध्यान इसी लक्ष्य पर केंद्रीत किया और तैयारी में जुट गई। 12वीं की पढ़ाई करने के बाद इंदौर पहुंचकर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लॉ से 2018 में एलएलबी पूरी की। इसके बाद एलएलएम में प्रवेश लिया। अभी एलएलएम का प्रथम वर्ष पूर्ण हुआ है। इस बीच पूजा सिविल जज के लिए तैयारी करती रही। 28 फरवरी को सिविल जज की प्री परीक्षा, 23-24 अप्रैल को मेन परीक्षा के
बाद 3 अगस्त को इंटरव्यू को पास करके पूजा ने अपने नाम ये उपलब्धि दर्ज कर ली।
सामाज के लिए पेश की मिसाल- नीलम के पिता सिद्धनाथसिंह गुर्जर ने बताया कि उनके समाज में बेटियों को ज्यादा पढ़ाया नहीं जाता है, लेकिन नीलम की इच्छा शुरू से ही सिविल जज बनने की थी। ऐसे में उसकी पढ़ाई जारी रखी और आज समाज के लिए मिसाल पेश की है। नीलम के भाई दिलीप गुर्जर ने बताया कि छोटी बहन को पढ़ाई करना थी, लेकिन समाज में बेटियों को ज्यादा नहीं पढ़ाने का चलन है। इस कारण उसकी एलएलबी तक की पढ़ाई शाजापुर से ही कराई।
कठोर मेहनत से परिणाम
चर्चा के दौरान पूजा ने बताया कि उन्होंने अपने-आप को सोशल मीडिया से पूरी तरह दूर रखा। परिजनों ने उनके सपने को पूरा करने के लिए पूरा सहयोग दिया। पूजा ने अपनी सफलता का श्रेय परिवार के सदस्यों के अतिरिक्त शिक्षकों और अपनी रूम मेट को दिया। पूजा ने कहा कि कठोर मेहनत की जाए तो उसका अच्छा परिणाम जरूर मिलता है। हर कोई प्रतिभावान नहीं होता है, लेकिन कठोर मेहनत करे तो अपनी किस्मत बदल सकता है। पूजा का सपना है कि वो इसी फिल्ड के सबसे उच्चतम पद चीफ जस्टिस बने।
पांच साल से लगातार मेहनत
जिले के ग्राम टांडा बंजारी (बेरछा के पास) लाइनमेन सिद्धनाथसिंह गुर्जर की सबसे छोटी बेटी नीलम का भी सपना सिविल जज बनने का था। अपने सपने को पूरा करने के लिए नीलम ने जी तोड़ मेहनत की। वहीं पिछले पांच साल से नीलम ने इसके लिए कड़ी मेहनत की। इसका परिणाम हुआ कि बुधवार को घोषित हुए परिणाम में उसकी 102वीं रैंक बनी। परिजनों को जैसे ही नीलम की इस उपलब्धी की जानकारी मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सभी ने नीलम को बधाईदेते हुए उसका मुंह मीठा कराया।

Published on:
22 Aug 2019 06:00 am
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