
उज्जैन. भेरवगढ़ जेल में कैद दो बंदी महज इसलिए जेल से नहीं छूट पा रहे थे कि उनके पास जुर्माना भरने की 300 व दो हजार रुपए की राशि नहीं थी। इसके चलते एक को तीन तो दूसरे को चार महीने की अतिरिक्त जेल काटना पड़ रही थी। इनकी मदद के लिए जिला विधिक प्राधिकरण आगे आया और सामाजिक संस्था के सदस्यों के माध्यम से जुर्माने की राशि जमा करवा दी। लिहाजा दो बंदी समय रहते जेल से छूट गए।
भैरवगढ़ जेल में बंदी आनंद व नानूराम बंद है। इसमें बंदी आनंद पर 300 रुपए जुर्माना था और बंदी नानूराम पर दो हजार रुपए का जुर्माना था। दोनों बंदी राशि नहीं होने के कारण जेल से छूट नहीं पा रहे थे। जुमने के चलते इन्हें तीन व चार महीने की अतिरिक्त सजा काटना पड़ रही थी। यह मामला सामने आने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व न्यायाधीश अरविंद कुमार जैन ने सामाजिक संस्था लायन्स क्लब उज्जैन गोल्ड से संपर्क किया।
इस पर संस्था जिलाध्यक्ष वेदिता सक्सेना ने अपनी अल्प बचत की शशि से भेरवगढ़ जेल जाकर जुमनि की राशि जमा की। इस राशि के जमा होने पर दोनों कैदी समय रहते जेल से छूट गए। दोनों बंदी आपस में भाई है इसमें नानूराम आजीवन कैद की सजा काट रहे था। सामाजिक संस्था द्वारा की गई मदद पर जेल अधीक्षक उषा राजे द्वारा वेदिता सक्सेना का सम्मान भी किया गया। इस दौरान संस्था के डिस्ट्रिक चेयर पर्सन संजय सक्सेना, लॉयन डेरेक विलियम्स व पूर्व बार अध्यक्ष योगेश शर्मा भी मौजूद थे।
जुर्माना नहीं भरपाने के कारण भेरवगढ़ जेलमें कितने बंदी है, इसकी जानकारी पिछले दिनों जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने निकलवाई थी। जेल अधीक्षक उपषा राजे द्वारा दी गई जानकारी में महज दो ही बंदी सामने आए थे जो जुर्माना नहीं भर पाने के कारण बंद थे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव व न्यायाधीश अरविंद जैन ने बताया कि फिलहाल जेल से ऐसे दो ही बंदी सामने आए हैं। भविष्य में यदि और भी बंदी आते हैं, जिनके पास भरने के लिए जुर्माने की राशि नहीं है, उनकी मदद प्राधिकरण द्वारा की जाएगी।
Published on:
30 Nov 2021 08:22 pm
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