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जिला अस्पताल में आई ऐसी गजब मशीन, जो गंभीर ऑपरेशन में पहले ही बता देगी कि…

छह गुना समय की भी होगी बचत, सोमवार से इस मशीन के जरिए मरीजों के ऑपरेशन किए जाएंगे

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उज्जैन. जिला अस्पताल में गंभीर और बड़ी सर्जरी के दौरान बहने वाले अधिक रक्त से अब मरीजों को निजात मिल सकेगी। इसके लिए जिला अस्पताल में अत्याधुनिक वेसल सिलर विथ बॉयोप्लर कॉट्री मशीन का उपयोग किया जाएगा। इस मशीन की खास बात ये है कि ऑपरेशन के दौरान सर्जन से यदि गलती से अधिक कट भी लग जाए तो ये तुरंत बता देगी इसके साथ ही कट को जरूरत के अनुसार कम भी करने में सक्षम है। सोमवार से इस मशीन के जरिए मरीजों के ऑपरेशन किए जाएंगे।
९ लाख की लागत से जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा दो वेसल सिलर विथ बॉयोप्लर कॉट्री मशीन मंगाई गई है। यह मशीन सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में विशेषज्ञ सर्जन द्वारा उपयोग की जाती है। यह मशीन रिमोट से काम करती है। जिसमें लगे हेंग सेंसर के जरिए इसे कंट्रोल किया जाता है।
जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ.अजय दिवाकर ने बताया कि मशीन में हार्मोनिक सेंसर होता है जो सर्जरी के दौरान निकलने वाले अधिक रक्त बहाव का नियंत्रित करता है। इसके अलावा इस मशीन की खास बात ये है कि ऑपरेशन के दौरान यदि सर्जन से गलती से अधिक कट भी लग जाता है तो ये मशीन लगे सेंसर अलार्म के जरिए तुरंत सर्जन को बता देती है और कट को जरूरत के अनुसार कम कर देती है।
ऐसे वक्त पर ये मशीन एक स्टेपलर की तरह कार्य करती है जो अधिक नसों अथवा शरीर में कहीं भी लगे अधिक कट को कम कर देती है। जिससे अधिक बहाव नहीं होता है।
आधा घंटे में ऑपरेशन
शनिवार को इस मशीन से पहला ऑपरेशन किया गया। डॉ.अजय दिवाकर ने बताया कि जोरावर सिंह नाम के पेशेंट का हारनिया का ऑपरेशन किया गया। आमतौर इस प्रकार के ऑपेरशन में ३ घंटे तक लग जाते हैं, लेकिन इस मशीन के उपयोग से आधे घंटे में ऑपरेशन हो गया।
शरीर से होकर नहीं गुजरता करंट
सिविल सर्जन डॉ.राजू निदारिया ने बताया कि सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में इस मशीन का उपयोग किया जाता है। इस मशीन के जरिए ऑपरेशन करने वाला हमारा जिला अस्पताल पहला होगा। इस मशीन की खास बात ये है कि इसके उपयोग के दौरान मरीज के शरीर से करंट होकर नहीं गुजरता है। जिससे शरीर के अन्य अंगों को नुकसान नहीं पहुंचता। इसके जरिए सभी प्रकार के ऑपरेशन संभव है।
सीजर में भी राहत
चरक अस्पताल में रोजाना एक दर्जन से अधिक सीजर ऑपेरशन के जरिए डिलेवरी करवाई जाती है। सीजर ऑपरेशन के दौरान महिलाओं को अधिक रक्त बह जाता है। महिला रोग विशेषज्ञ डॉ.संगीता पल्सानिया ने बताया कि चरक अस्पताल में अधिकांश गर्भवती महिलाएं रक्त अल्पतता वाली पहुंचती है। ९ प्रतिशत से कम हिमोग्लोबिन वाली महिलाओं के सीजर में हाई रिस्क होती है। जिसके चलते उन्हें इंदौर रेफर करना पड़ता है। इस मशीन के जरिए कम हिमोग्लोबिन वाली गर्भवती महिलाओं का सीजेरियन करने में आसानी होगी। कम से कम रिस्क में उनकी डिलेवरी करवाई जा सकेगी।
रेफर संख्या होगी कम, ऑपरेशन संख्या बढ़ाएंगे
&इस मशीन को लाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि जिला और चरक अस्पताल में प्रतिदिन होने वाले ऑपरेशन की संख्या बढ़ाई जा सके। वर्तमान में ऑपरेशन में लगने वाले अधिक समय के कारण ऑपरेशन की संख्या कम है। इसके अलावा हाई रिस्क वाले मरीजों को चिकित्सक इंदौर रेफर कर देते है। जिन्हें अब रेफर करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। गर्भवती महिलाओं के सीजेरियन ऑपरेशन इस मशीन के जरिए किए जाएंगे, ताकि कम से कम रक्त स्त्राव में डिलेवरी हो सके और कम हिमोग्लोबिन वाले गर्भवती महिलाओं को भी ऑपरेट किया जा सके। सोमवार से इसका उपयोग आरंभ किया जाएगा।
डॉ.राजू निदारिया, सिविल सर्जन