
उम्मीदों पर फिरा पानी... अब अपील में जाने का दावाउच्च शिक्षा मंत्री का कहना है बी पॉजिटिव : बड़ा नुकसान नहीं हुआ, हम इसे ए प्लस से भी अच्छा मान रहे हैं, बी प्लस प्लस यह हमारे लिए संतोषप्रद है, उम्मीद बाकी है पुन: अपील करेंगे
उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन में पिछड़ गया है। उसे बी डबल प्लस ग्रेड मिली है, जो तीन वर्ष के लिए मान्य रहेगी। विवि को आई इस ग्रेड से उम्मीदों पर पानी फिर गया है। विवि प्रशासन अब इस पर गहन मंथन कर रहा है। हालांकि कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय का कहना है कि कुछ ही पॉइंट््स के कारण हमारी ग्रेड (बी डबल प्लस) रही है। हम मान रहे हैं कि इस बार (सेल्फ स्टडी रिपोर्ट) में कुछ पॉइंट पर जानकारी नहीं होने से ग्रेङ्क्षडग में पिछड़े हैं। बता दें कि इस बार विवि को रिपोर्ट तैयार करने के लिए करीब दो साल का समय मिला था, लेकिन इसके बाद भी रिपोर्ट में कमी रह जाने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
इधर, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव का कहना है कि विश्वविद्यालय को आई ग्रेड बी-डबल प्लस से कोई ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। हम तो इसे ए प्लस से अच्छा मान रहे हैं और यह हमारे लिए संतोषप्रद है। हालांकि अभी 45 दिनों के भीतर हम पुन: अपील कर सकते हैं।
0.२१ पाइंट कम पड़ गए ए ग्रेड के लिए
विक्रम विवि को 4 में से 2.82 अंक के साथ बी-डबल प्लस ग्रेड मिली है, जबकि 2015 में 3.03 अंक के साथ ए-ग्रेड मिली थी। इस बार करीब .21 पॉइंट कम हुए हैं। बड़ा सवाल यह है कि अब अपील में जाने के बाद भी विक्रम को वापस ए-ग्रेड प्राप्त करने के लिए 0.19 अंकों की जरूरत होगी। इससे अधिक अंक होते हैं, तो ए और अंक बढ़ते हैं, तो ए प्लस ग्रेड मिलती है। हालांकि मूल्यांकन के लिए आई पेयर टीम ने अच्छे अंक दिए हैं, लेकिन रिपोर्ट में छात्र सहयोग व विकास, शोध, विस्तार के साथ ही विदेशी छात्रों की उपस्थिति जैसे ङ्क्षबदु पर जानकारी नहीं होने से ग्रेङ्क्षडग कम रही।
यह नुकसान होगा विक्रम विवि को
अंकसूची में बी-ग्रेड लिखा होगा। डिस्टेंस एजुकेशन चलाने की पात्रता नहीं मिलेगी। सबसे बड़ा नुकसान राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान से मिलने वाले अनुदान में भी कमी हो जाएगी। नैक ग्रेङ्क्षडग के जरिए शिक्षण संस्थानों की सही जानकारी स्टूडेंट््स को मिलती है, जिससे उनको बेहतर विश्वविद्यालय व कॉलेज चुनने में मदद मिलती है। नैक मूल्यांकन के बिना कोई भी विश्वविद्यालय सरकारी मदद नहीं पा सकता।
नहीं बचा पाए पुरानी साख
एसएसआर रिपोर्ट में कुछ मापदंडों की कमी के चलते इस बार नैक मूल्यांकन में विवि पुरानी ए-ग्रेड भी नहीं बचा पाया। इस बार उम्मीद
(ए प्लस प्लस) की थी। हालांकि कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय का कहना है, हम अपील में जाकर अपनी जो उपलब्धि मूल्यांकन में छूट गई है, उसे बताकर रिपोर्ट का आंकलन दोबारा से कराएंगे।
हमने विवि को ज्यादा से ज्यादा सुविधायुक्त बनाने का प्रयास किया
&अभी हमने उम्मीद नहीं छोड़ी है। हालांकि बी-डबल प्लस मिलने से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। हमने बीते वर्षों में विक्रम विवि को ज्यादा से ज्यादा सुविधायुक्त बनाने का प्रयास किया है। विद्यार्थियों का रुझान भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है। अधिक से अधिक कोर्स लाए हैं, जल्द फैकल्टी की भर्ती की जाएगी।
डॉ. मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री
समय है, ग्रेड में सुधार होने की उम्मीद है
&हमें बी-डबल प्लस ग्रेड मिली है। ये सही है कि जिस ग्रेड की उम्मीद कर रहे थे, वह हासिल नहीं हो सकी। लेकिन अभी हमारे पास 45 दिन का समय है। कुछ ही पॉइंट््स के कारण हमारी ग्रेड कम रही है। हम अपील करेंगे।
प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय, कुलपति विक्रम विवि
Published on:
20 Oct 2022 01:34 am
बड़ी खबरें
View Allउज्जैन
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
