
स्कंदपुराण के अवंतिका खंड में भी इसका उल्लेख
पौष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का धार्मिक नजरिए से बहुत महत्व है। यह तिथि हनुमान अष्टमी के रूप में मनाई जाती है। इस बार 4 जनवरी को हनुमान अष्टमी मनाई जाएगी। विशेष बात यह है कि यह पर्व उज्जैन में ही मनाए जाने की परंपरा है। दरअसल उज्जैन सबसे ज्यादा हनुमान मंदिरों के लिए विख्यात है। स्कंदपुराण के अवंतिका खंड में भी इसका उल्लेख मिलता है।
शहर की रक्षा करने चारों दिशाओं में विराजित हैं बजरंगबली, यहां 108 हनुमान मंदिर — मान्यता है कि महाकाल की नगरी में हनुमानजी भी रूद्र स्वरूप में विराजमान हैं। शहर की चारों दिशाओं की रक्षा करने के लिए हनुमान मंदिरों की स्थापना हुई थी। यहां करीब 108 हनुमान मंदिर हैं।
हनुमानजी का विशेष अभिषेक-पूजन और शृंगार- हनुमान अष्टमी के मौके पर शहर के सभी हनुमान मंदिरों को आकर्षक रूप से सजाया जाता है। मंदिरों पर सुबह से ही भक्तों की भीड़ लग जाती है। हनुमान अष्टमी के दिन सभी मंदिरों में हनुमानजी का विशेष अभिषेक-पूजन और शृंगार किया जाता है।
प्रतिमा को स्पर्श नहीं करे इसीलिए मंदिर के चारों तरफ जालियों वाले दरवाजे बनाए गए- ज्योतिर्विद बताते हैं कि अवंतिका में हनुमानजी की चैतन्य मूर्तियों के अनेक स्थान हैं। हनुमंतकेश्वर 84 महादेवों में शामिल हैं। बड़े गणेश मंदिर में अष्टधातु की अतिप्राचीन पंचमुखी हनुमान प्रतिमा है।
मंदिर में एकांत में तांत्रिक साधना करनेवाले एक संत ने यह प्रतिमा सौंपी थी। संत ने कहा था कि कोई भी इसे स्पर्श नहीं करे इसीलिए मंदिर के चारों तरफ जालियों वाले दरवाजे बनाए गए।
Published on:
02 Jan 2024 08:23 pm
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