23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हनुमानजी के सबसे ज्यादा मंदिरों के लिए जाना जाता एमपी का ये शहर

पौष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का धार्मिक नजरिए से बहुत महत्व है। यह तिथि हनुमान अष्टमी के रूप में मनाई जाती है। इस बार 4 जनवरी को हनुमान अष्टमी मनाई जाएगी। विशेष बात यह है कि यह पर्व उज्जैन में ही मनाए जाने की परंपरा है। दरअसल उज्जैन सबसे ज्यादा हनुमान मंदिरों के लिए विख्यात है। स्कंदपुराण के अवंतिका खंड में भी इसका उल्लेख मिलता है।

2 min read
Google source verification
hanumanji3.png

स्कंदपुराण के अवंतिका खंड में भी इसका उल्लेख

पौष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का धार्मिक नजरिए से बहुत महत्व है। यह तिथि हनुमान अष्टमी के रूप में मनाई जाती है। इस बार 4 जनवरी को हनुमान अष्टमी मनाई जाएगी। विशेष बात यह है कि यह पर्व उज्जैन में ही मनाए जाने की परंपरा है। दरअसल उज्जैन सबसे ज्यादा हनुमान मंदिरों के लिए विख्यात है। स्कंदपुराण के अवंतिका खंड में भी इसका उल्लेख मिलता है।

यह भी पढ़ें: स्कूलों की छुट्टी, फिर लगेंगी ऑनलाइन क्लासेस, जारी किया आदेश

शहर की रक्षा करने चारों दिशाओं में विराजित हैं बजरंगबली, यहां 108 हनुमान मंदिर — मान्यता है कि महाकाल की नगरी में हनुमानजी भी रूद्र स्वरूप में विराजमान हैं। शहर की चारों दिशाओं की रक्षा करने के लिए हनुमान मंदिरों की स्थापना हुई थी। यहां करीब 108 हनुमान मंदिर हैं।

यह भी पढ़ें: रामलला के दर्शन करने 22 जनवरी की छुट्टी! कर्मचारियों को मिलेगा तीन दिन का अवकाश

हनुमानजी का विशेष अभिषेक-पूजन और शृंगार- हनुमान अष्टमी के मौके पर शहर के सभी हनुमान मंदिरों को आकर्षक रूप से सजाया जाता है। मंदिरों पर सुबह से ही भक्तों की भीड़ लग जाती है। हनुमान अष्टमी के दिन सभी मंदिरों में हनुमानजी का विशेष अभिषेक-पूजन और शृंगार किया जाता है।

यह भी पढ़ें: पैट्रोल और सब्जियों की सप्लाई रुकी, जानिए कितने दिनों तक चलेगी हड़ताल

प्रतिमा को स्पर्श नहीं करे इसीलिए मंदिर के चारों तरफ जालियों वाले दरवाजे बनाए गए- ज्योतिर्विद बताते हैं कि अवंतिका में हनुमानजी की चैतन्य मूर्तियों के अनेक स्थान हैं। हनुमंतकेश्वर 84 महादेवों में शामिल हैं। बड़े गणेश मंदिर में अष्टधातु की अतिप्राचीन पंचमुखी हनुमान प्रतिमा है।

यह भी पढ़ें: इस बड़े स्कूल में पढ़ाई, खाना, रहना, यूनिफार्म सब मुफ्त

मंदिर में एकांत में तांत्रिक साधना करनेवाले एक संत ने यह प्रतिमा सौंपी थी। संत ने कहा था कि कोई भी इसे स्पर्श नहीं करे इसीलिए मंदिर के चारों तरफ जालियों वाले दरवाजे बनाए गए।

यह भी पढ़ें: आइएसआइएस की धमकी! 26 जनवरी को देशभर में होंगे सीरियल ब्लास्ट