
Chief Minister's 147 crore scheme did not get benefit, water crisis deepens in 25 villages of Akashkot
उमरिया. विंध्य मैकल पर्वत श्रृंखला में उमरिया जिले के 25 गांव आबाद है। ऊंची पहाडिय़ों पर बसे होने के कारण इन गांवों के समूह को आकाशकोट के नाम से जाना जाता है। आदिवासी बाहुल्य इन गांवो में स्वच्छ पेयजल वर्षों से एक बड़ी समस्या बनी हुई है।
ग्रामीणों द्वारा पेयजल संकट के निदान के लिए कई बार बड़े आंदोलन भी किये गए लेकिन समस्या से निजात नहीं मिली। गर्मी बढऩे के साथ साथ यहां पेयजल की समस्या भी गहराती जाती है। ग्रामीणों को 100 से 150 फिट गहराई के कुएं और तालाबों के गंदे पानी से पेयजल और निस्तार का पानी उपलब्ध हो पाता है और कई गांवों में लोग दो से पांच किमी दूर से पानी ढोते हैं।
वर्षों से व्यापत इस समस्या के निदान के लिए ग्रामीणों ने जल यात्रा की शुरुआत की है। इसके तहत समीप के डिंडोरी जिले से होकर बहने वाली नर्मदा नदी के जल को आकाशकोट अंचल के गांवों तक उपलब्ध कराने की मांग की जा रही है। ग्रामीण गांव गांव में जल यात्रा के माध्यम से लोगों से संवाद कर समस्या से निदान के लिए बड़े संघर्ष की तैयारी कर रहे हैं। प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने जिले के बड़े जलाशय उमरार से समूह जल प्रदाय योजना के तहत 147 करोड़ की परियोजना से हर घर नल से स्वच्छ पेयजल पंहुचाने की परियोजना को हरी झंडी प्रदान की है लेकिन ग्रामीणों को इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन पर भरोसा नहंीं है। ग्रामीणों की मांग है कि आकाशकोट में नर्मदा का जल लाकर पेयजल की आपूर्ति कराई जाए। हालांकि जिला प्रशासन ने समूह जल प्रदाय योजना से ही गांवों में शीघ्र जल उपलब्ध कराने की बात कही है।
आकाशकोट अंचल के 25 गांवों में इसके पूर्व भी पेयजल समस्या के निदान के लिए प्रशासन के द्वारा कई प्रयास किये गए लेकिन हर प्रयास गांवों में पेयजल आपूर्ति कराने में नाकाम रहे हैं और यही वजह है कि मुख्यमंत्री के द्वारा पेयजल आपूर्ति परियोजना की स्वीकृत प्रदान करने के बाद भी ग्रामीण भरोसा नहीं कर पा रहे।
Published on:
02 Jun 2023 04:40 pm
बड़ी खबरें
View Allउमरिया
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
