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हर बार प्राथमिक उपचार कर घायलों को कर दिया जाता है रैफर

अस्पताल में नहीं मिलती हैं दवाइयां बाहर से खरीदने के लिए मजबूर मरीज

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Every time the injured are given first aid and referred

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मंगठार. जिले के बिरसिंहपुर पाली का सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र इन दिनों रैफर अस्पताल बन चुका है। यहां की व्यवस्था भगवान भरोसे ही है। पाली ब्लॉक में 44 पंचायतों के लोग यहा इलाज कराने आते है यहां अस्पताल में डॉक्टर की कमी के साथ साथ मरीजों को वितरण की जाने वाली दवाईयां भी उपलब्ध नहीं हो पाती। लोगों का कहना है कि यहां आने वाले लगभग मरीजों को बाहर से ही दवाईयां खरीदनी पड़ती है। बताया गया कि बीते एक दिन पहले पाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दुर्घटना का मामला सामने आया जिसमें एक मरीज के हाथ में गहरी चोट लगी हुई थी और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाइट न होने के कारण 2 घंटे उपचार के लिए इंतजार करना पड़ा जबकि वही दूसरा मामला ग्राम पटपरा में अमित पटवा, काजल पटवा मोटर साइकिल से दुर्घटनाग्रस्त होकर पाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आया था। जिसे अस्पताल में पट्टी बैंडेज न होना बताते हुए कहा गया कि मेडिकल से जाकर पट्टी बैंडेज लाना पड़ेगा। परिजनों ने बाहर से उपचार का सामान लाकर डॉक्टर दिया इसके बाद घायल का उपचार हो सका। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में टांका, चीरा लगाने के लिए मरहम, पट्टी भी मरीजों को उपलब्ध नहीं हो पाती है जो मेडिकल स्टोर से खरीदकर लाना पड़ता है। साथ ही अस्पताल में बेड से चादर भी गायब हो गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एनएच-43 पर स्थित है जिसमें रोजाना ही सड़क दुर्घटना में घायल मरीज आते रहते हैं जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद हर बार जिला अस्पताल के लिए रैफर कर दिया जाता है। घायल मरीज के चोट से बहता रहा खून इलाज न शुरू होने पर परिजनों ने उमरिया कलेक्टर को फोन के माध्यम से इसकी जानकारी दी उसके बाद भी पाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से उमरिया रेफर करने के बाद आनन-फानन में पट्टी लेकर कर्मचारी पहुँचे। लोगों का कहना है कि जब कभी यहां जिले से कोई अधिकारी निरीक्षण करने आता है तो यहां की व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर लिया जाता है। इसके कुछ दिनों बाद फिर से यहां की व्यवस्था जस की तस हो जाती है।