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नहीं छूट रहा है सरकारी बंगले का मोह

पत्र जारी होने के बाद भी कर्मचारी कर रहे मनमानी

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government bungalows

after Akhilesh, kalyan, Mayawati Now ku sum rai, fatehbadur will vacant bungalows

उमरिया. नगर में उप संचालक पशु चिकित्सा कार्यालय के दो अधिकारियों द्वारा सरकारी भवनों में वर्षों से कब्जा जमाए हुए हैं। जिससे खनिज मद से जिले की महत्वपूर्ण योजना सांची मिल्क चिलिंग प्लाट का कार्य प्रभावित हो रहा है। पशु विभाग के पशु चिकित्सक वाई पी तिवारी एवं पशु क्षेत्र सहायक अधिकारी लोड़ा तेजभान पटेल द्वारा वर्षों से बिना किसी स्वीकृत के सरकारी भवनों में कब्जा किया गया है। पहला मामला वाइपी तिवारी जो पुराना बस स्टैड स्थित पुराना पशु विभाग कार्यालय के भवन जो जबलपुर दुग्ध संघ को पशु विभाग ने हैड ओवर कर दी। उसे वाईपी तिवारी द्वारा आज तक खाली नही किया गया। जबकि उप संचालक पशु विभाग द्वारा कई बार उन्हे खाली करने हेतु नोटिस दिया जा चुका है और दंड स्वरूप उनके द्वारा कब्जा भवन का किराया बाजार दर से काटने उनके वेतन से उप संचालक द्वारा आदेश जारी करने के बाद भी खाली नही किया गया। जिस पर उप संचालक पशु चिकित्सा ने अगली कार्यवाही करते हुए कलेक्टर से पुलिस बल का उपयोग कर भवन खाली कराने का पत्र कलेक्टर को दिया। इनके द्वारा भवन न खाली करने पर जबलपुर दुग्ध संघ के एजीएम महंगे किराये के भवन में रह रहे है। जिससे दुग्ध संघ का काम प्रभावित हो रहा है। इसी प्रकार पशु विभाग के दूसरे कर्मचारी तेजभान पटेल पशु चिकित्सा क्षेत्र सहायक अधिकारी द्वारा जिला जेल के सामने बिना किसी सरकारी स्वीकृत के वर्र्षों पुरानी डेयरी के भवन में दस वर्षो से अवैध कब्जा कर रखा गया है और बिना किसी आदेश से पिछले वर्ष से अपने आप को बचाने के लिए तीन सौ रुपए अपने वेतन से किराये के रुप में वेतन से कटवाने लगे है। जब किसी अधिकरी का आदेश ही भवन में रहने के लिए नही दिया गया तो वह किसके आदेश से पैसा कटवाने लगे और किसके आदेश से रह रहे है। यह जांच का विषय है। पता चला है कि ये वही अधिकारी है जिनके खिलाफ बकरी कांड के आरोपी ने भ्रष्टाचार के आरोप के बयान दर्ज कराए थे।
इनका कहना है
मैने कर्मचारियों को पत्र लिखा है, इसके बावजूद वे अपनी मनमानी पर तुले हुए हैं, तो मैं क्या करूं?
डॉ. एमएल मेहरा, उपसंचालक, पशु चिकित्सा