
उमरिया. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में आपसी संघर्ष में बाघ की मौत की मौत हो गई। संघर्ष बाघ शावकों की रक्षा के लिए शुरू हुआ। टाइगर रिजर्व के पतौर कोर परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक पी-210 में घटना हुई है।
रिजर्व की टीम जब पेट्रोलिंग पर निकली तो एक नर बाघ का शव मिला। मौके की पड़ताल के बाद पता चला है कि बाघिन ने अपने शावकों को बचाने के लिए बाघ के साथ संघर्ष किया और बाघ की जान ले ली।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप-संचालक स्वरूप दीक्षित के मुताबिक नर बाघ का शव शनिवार शाम को मिला था। घटना की सूचना के बाद पतौर परिक्षेत्र अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर पूरे इलाके को सील कर दिया। वरिष्ठ अधिकारियों एवं सहायक वन्य जीव शल्यज्ञ ने मौके का परीक्षण किया। डॉग स्क्वाड एवं मैटल डिटेक्टर से भी पूरे इलाके की सर्चिंग की गई है। टाइगर रिजर्व प्रबंधन की माने तो नर बाघ 4 से 5 साल का था। बाघ के सभी अंग सुरक्षित मिले है इससे शिकार की संभावना समाप्त हो गई। घटना स्थल के पास ही नर बाघ, मादा बाघ और दो शावकों के फुटमार्क मिले हैं।
बांधवगढ़ सहायक वन्य जीव शल्यज्ञ एवं जबलपुर के डॉक्टर की संयुक्त टीम द्वारा पोस्टमार्टम कर फॉरेंसिक जांच के लिए नमून सुरक्षित किए गये। सक्षम अधिकारियों एनटीसीए के प्रतिनिधि एनजीओ एवं पार्क अधिकारियों की उपस्थिति में बाघ के शव को जलाकर नष्ट किया गया।
Published on:
08 Nov 2021 07:04 pm
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