मध्यप्रदेश के उमरिया जिले की कोर्ट में यह अनोखा क्राइम हुआ है।घटना शनिवार को जिला अदालत में हुई।
दरअसल, मजिस्ट्रेट केपी सिंह का कोर्ट रूम जब शनिवार को सुबह खाली था। उसी समय वहां से पुलिस का ट्रेनी कांस्टेबल राम अवतार सिंह वहां से गुजर रहा था। उसने देखा कि कोर्ट रूम खाली पड़ा है, तो वह जज की खाली कुर्सी पर जाकर बैठ गया और सेल्फी लेने लगा। राम अवतार को आराम फरमाते और सेल्फी लेने पर जब स्टाफ ने उसे टोका, तो वो गुस्सा हो गया और टोकने वाले व्यक्ति को ही कहने लगा कि मैं पुलिसवाला हूं, मेरे मन में जो आएगा वो करूंगा। उसकी ऐसी बात सुन स्टाप ने पुलिस को सूचित कर दिया।
पुलिस ने किया गिरफ्तार
न्यायायिक मजिस्ट्रेट केपी सिंह के कोर्ट रूम में उनकी कुर्सी पर बैठकर सेल्फी लेने वाली रामअवतार रावत (28) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दियागया। उस पर जबरन अदालत में घुसने का प्रकरण दर्ज किया गया है।
मजे के लिए ले रहा था सेल्फी
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता के तहत उसे गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार रामअवतार ने बताया कि वो तो बस मजे के लिए सेल्फी ले रहा था। उल्लेखनीय है कि जज की कुर्सी पर बैठकर सेल्फी लेने के आरोप में पुलिस के ट्रेनी आरक्षक को एक साल की जेल या जुर्माने या दोनों की सजा हो सकती है। हालांकि बाद में रावत को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
चौकीदार ने पकड़ा
कोतवाली थाना प्रभारी आरबी सोनी ने सोमवार को बताया कि न्यायालय में पदस्थ चौकीदार शक्ति सिंह ने आरक्षक को सेल्फी खींचते हुए पकड़ लिया और इसकी सूचना अदालत के वरिष्ठ अधिकारियों को दी।
सोनी के मुताबिक अदालत के अधिकारियों ने इसकी सूचना कोतवाली उमरिया को दी, जिसके बाद पुलिस ने आकर सेल्फी लेने वाले आरक्षक को गिरफ्तार कर उसके धारा 448 (घर में जबरन घुसना) के तहत मामला दर्ज कर लिया।
पुलिस में भर्ती से पहले चल रही है ट्रेनिंग
बताया जाता है कि ट्रेनी कांस्टेबल राम अवतार रावत पुलिस में पोस्टिंग से पहले की ट्रेनिंग ले रहा है। इस बीच उस पर कोई प्रकरण दर्ज होने पर उसकी नौकरी भी जा सकती है। इधर, पुलिस का कहना है कि ट्रेनी कांस्टेबल के आचरण की शिकायत उसके विभाग को की जाएगी।