होल्कर क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए इस फाइनल मुकाबले में गुजरात के सामने जीत के लिए 312 रन का लक्ष्य था और उसने पार्थिव की 143 रन की बेजोड़ पारी के दम पर मैच के पांचवें और अंतिम दिन पांच विकेट पर 313 रन बनाकर राष्ट्रीय चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।