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Exploitation of outsourcing employees उन्नाव के बेसिक शिक्षा विभाग में अल्प मानदेय पर काम करने वाले आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। पिछले 4 महीने से उन्हें मानदेय नहीं दिया गया है। जिससे आर्थिक रूप से काफी परेशान है। घर चलना मुश्किल हो रहा है। जबकि बेसिक शिक्षा विभाग में मानदेय देने के लिए पर्याप्त बजट है। फिर भी लापरवाही बरती जा रही है। इस संबंध में कि सहायक वित्त लेखा अधिकारी ने बताया कि जल्द ही आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को मानदेय दे दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव के बेसिक शिक्षा विभाग में कुल 32 कर्मचारी आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य कर रहे हैं। जिनमें सहायक लेखाकार, ब्लॉक एमआईएस, गुणवत्ता और ऑपरेटर शामिल है। जिन्हें 10 से 20 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है। अल्प मानदेय में काम करने वाले आउटसोर्सिंग कर्मचारी को समय से मानदेय नहीं मिलता है। लेकिन इस संबंध में मुंह खोलने से सभी डरते हैं। कहीं हटा ना दिया जाए।
आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को समय से मानदेय नहीं मिलने के विषय में बताया गया कि यह विभागीय लापरवाही है। जो शासन के निर्देशों को भी नहीं मानते हैं। शासन ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक महीने की 5 तारीख को बिल बनाकर सेवा प्रदाता कंपनी को भेज दे। जिससे कि उनका मानदेय निकल सके। लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैनात अफसरों की लापरवाही के कारण ऐसा नहीं हो पता है।
जबकि यहां के जिम्मेदार अधिकारियों में बेसिक शिक्षा अधिकारी और सहायक वित्त लेखा अधिकारी है। सहायक वित्त लेखा अधिकारी सतीश पांडे ने बताया कि फरवरी महीने के लिए बजट की मांग की गई है। बहुत जल्दी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को मार्च, अप्रैल, मई का मानदेय दे दिया जाएगा। इपीएफ, ईएसआई की कटौती न होने के कारण यह समस्या आई है।
Published on:
06 Jun 2025 07:31 am
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