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पुस्तकें भविष्य का मार्गदर्शन होती हैं : हृदय नारायण दीक्षित

राष्ट्रीय चेतना एवं सामाजिक कुरीतियां दूर करने में मददगार होती हैं।

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उन्नाव. पुस्तक भविष्य का मार्गदर्शन होती हैं। राष्ट्रीय चेतना एवं सामाजिक कुरीतियां दूर करने में मददगार होती हैं। हमारे राष्ट्रीय जीवन में कविताएं प्रेरक लिखी गई हैं। भारत का मूल चेतन प्रकृति, विचार, न्याय, सत्य एवं मर्यादित यह सब कुछ प्राचीन काव्य वांग्मय रही है। जिला प्रशासन व विशंभर दयाल त्रिपाठी राजकीय जिला पुस्तकालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उक्त विचार विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने व्यक्त किए। जिला पुस्तकालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दुनियाभर की सभ्यतायें साहित्य से मजबूत हुई है। यदि साहित्य हटा दे तो, हमारी सभ्यताएं व प्रकृति नहीं बचती है। दीक्षित ने कहा कि उन्नाव में उनकी किताबें कम पढ़ी जाती है। जबकि पटना में उनकी किताबों अधिक पढ़ी जाती है। साहित्य से जुड़ी कविता की पुस्तकें भारतीय दर्शन भारतीय ज्ञान वैदिक साहित्य समझाने वाली सामान्य पुस्तकें ऐसी पुस्तकें प्रदेश में कम पढ़ी जाती है। मैं सरकार में नहीं हूं इसलिए मेरे पास कोई आंकड़ा नहीं है लेकिन मैं अपना एक आंकड़ा सही मानता हूं। इस आंकड़े को देते समय कुछ लोग नाराज हो जाएंगे। इसलिए 4 साल वह नाराजगी व्यक्त नहीं करेंगे क्योंकि मैं सत्ता में हूं। बाद में जो कहना है कह डालूंगा।


पुष्प गुच्छ की जगह किताबें बैठ कर स्वागत करने को कहा
दीक्षित ने कहा कि उन्नाव साहित्य महोत्सव पुस्तक एवं शिल्प मेला उन्नाव जनपद वासियों एवं अवध क्षेत्र के लिए गौरवमयी है। उन्नाव साहित्य के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। यहां निराला जैसे साहित्यिक महापुरुषों की धरती रही है कलम और तलवार का धनी जनपद उन्नाव अपने आप में सदैव मिसाल कायम की है। पुस्तकों का उपयोग भारतीय संस्कृति की भूमिका का वर्णन करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय दर्शन, वैदिक साहित्य ,सामान्य पुस्तकें हमें अपने पूर्वजों का इतिहास याद कराते हैं। ज्ञान को बढ़ाने के लिए सभी को पुस्तकों से प्रेम करना चाहिए। हमें अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ के स्थान पर प्रेरणादाई पुस्तक भेंट करना उचित होगा। इसके पूर्व राजकीय जिला पुस्तकालय सभागार में बुक कैफे का उद्घाटन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।

उन्नाव के साथ बहुत बड़ी विरासत है
स्थानीय निराला प्रेक्षागृह में उन्नाव साहित्य महोत्सव का उद्घाटन भी विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा किया गया। निराला परीक्षा के में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हृदय नारायण दीक्षित ने कहा उन्नाव के पास बहुत बड़ी विरासत भी है। सृजन से जुड़े लोगों के साथ बैठकर हम सभी का दायित्व है। चाहे जिस क्षेत्र में हो। साहित्य सृजन के क्षेत्र में सहयोग करना चाहिए। पुस्तकालय अध्यक्ष डाक्टर मृदुला पंडित ने बताया कि महोत्सव 27 अप्रैल से 1 मई तक चलेगा। जिसमें महोत्सव के मुख्य आकर्षण युवा महोत्सव अवधि, सूफी नाईट, ब्रज महारास उन्नाव गौरव सम्मान, आल्हा गायन, भोजपुरी लोक नृत्य आदि कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। इस अवसर पर विधायक सदर पंकज गुप्ता, मोहान विधायक बृजेश रावत, सफीपुर विधायक बंबा लाल, राजबहादुर सिंह चंदेल एमएलसी, डॉक्टर मृदुला पंडित सहित अपरजिलाधिकारी बीएन यादव, नगर मजिस्ट्रेट रामप्रसाद, जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश कुमार, बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री शर्मा सहित जाने माने साहित्यकार, कवि आदि उपस्थित थे।