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India in Ukraine यूक्रेन में फंसे छात्र छात्राओं के लिए परिजन परेशान, भारतीय दूतावास ने जारी किया एडवाइजरी

यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं। भारत सरकार उन्हें निकालने का प्रयत्न कर रही है। हमलों से बचने के लिए भारतीय छात्रों को सुरंगों का सहारा लेना पड़ रहा है। यह सुरंग मेट्रो स्टेशन और उनके लिए बनाई गई रेलवे लाइन है। कानपुर, उन्नाव, कन्नौज सहित आसपास के जिलों में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र यूक्रेन में फंसे हैं।

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India in Ukraine यूक्रेन में फंसे छात्र छात्राओं के लिए परिजन परेशान, भारतीय दूतावास ने जारी किया एडवाइजरी

India in Ukraine यूक्रेन में फंसे छात्र छात्राओं के लिए परिजन परेशान, भारतीय दूतावास ने जारी किया एडवाइजरी

कानपुर और उसके आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं यूक्रेन में पढ़ाई के लिए गए हैं रूस के हमले के बाद यह सभी छात्र छात्राएं वहीं फंस गए हैं अब इनके परिजन अपनों के लिए चिंतित हो रहे हैं। ऐसे समय जब हवाई सेवाएं पूरी तरह ठप हो चुकी है और रूस लगातार यूक्रेन पर हमला कर रहा है बुरी घटनाओं से संस्कृत परिजन प्रधानमंत्री से लगातार गुहार लगा रहे हैं। कि उनके बच्चों को वापस भारत लाया जाए। यह छात्र अपनी आपबीती सुनाने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा ले रहे हैं। व्हाट्सएप के माध्यम से भी अपनों को यूक्रेन की स्थिति को दिखा रहे हैं। कानपुर के दो 30 छात्र-छात्राओं के नाम सामने आए हैं। जो एक यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में फंसे हैं। इसके अतिरिक्त उन्नाव, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, बांदा, फतेहपुर, इटावा, महोबा के भी छात्र छात्राओं के यूक्रेन में होने की जानकारी मिल रही है।

उन्नाव जिले की पुरवा निवासी श्रुति कृष्णा जो यूक्रेन के कारशीव में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कमांडो की ट्रेनिंग के लिए गई थी। उनकी दादी चेलम्मा ने बताया कि श्रुति को किसी गुप्त स्थान में अन्य छात्रों के साथ रखा गया है। गंगा घाट कोतवाली क्षेत्र की एक लाख नगर की रहने वाली यासमीन फातिमा यूक्रेन में डॉक्टरी की पढ़ाई करने गई है। जो खारकीव शहर में स्थित वीएन कारजीन मेडिकल कॉलेज में तीसरे वर्ष की छात्रा है। यासमीन के पिता डॉ नसीम अहमद ने बताया कि धमाकों से सभी लोग दहशत में है। अन्य छात्र छात्राओं के साथ मेट्रो स्टेशन में शरण ली है। खाने पीने की दिक्कत हो रही है। सब की रात की नींद उड़ गई है।

परिजनों की रात की नींद उड़ी

नवाबगंज विकास खंड के गांव कोई थर निवासी डॉ जगन्नाथ बर्मा का पुत्र कुलदीप कुमार वर्मा यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गया है परिवार वाले कुलदीप के लिए परेशान है। जगन्नाथ वर्मा ने बताया कि रोमानिया के रास्ते फंसे हुए भारतीय छात्रों को लाने की व्यवस्था की गई है। इस संबंध में उन्होंने भारतीय दूतावास, विदेश मंत्रालय और पीएमओ से मदद की गुहार लगाई है। इस संबंध में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि उन्नाव के जो छात्र-छात्राएं यूक्रेन में फंसे हैं उनकी जानकारी राहत आयुक्त लखनऊ रणवीर प्रसाद को भेजी गई है गूगल सीट और सरकार की वेबसाइट पर भी मामले की जानकारी देते हुए फंसे हुए लोगों को दिलवाने का अनुरोध किया गया है।

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भारतीय दूतावास ने जारी किया एडवाइजरी

इस संबंध में यूक्रेन के भारतीय दूतावास की तरफ से एक और एडवाइजरी जारी की गई है जिसमें उन्होंने कहा है कि बिना किसी निर्देश के सीमा की तरफ जाने का प्रयास न करें। सीमा की स्थिति भी काफी नाजुक है। भारत सरकार पड़ोसी देशों के सहयोग से भारतीयों को निकालने का प्रयास कर रही है। हमेशा जागरूक रहिए और जो ताजा जानकारी आ रही हैं उन पर नजर रखिए।