8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जानकी कुंड परियर: बांस की छड़ी लेकर की जाती है 14 कोसीय परिक्रमा, होती है समृद्धि और वंश की प्राप्ति

Janaki Kund Pariar 14 Kosi Parikrama with bamboo stick उन्नाव में बांस की छड़ी के साथ 14 कोसीय परिक्रमा शुरू हुई। जो कानपुर के बिठूर, बड़े हनुमान मंदिर, ब्रह्मावर्त खूंटी तक जाती है। इस मौके पर जानकी कुंड परियर में बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ में उमड़ी।

less than 1 minute read
Google source verification
जानकी कुंड परियर से शुरू हुई 14 कोसीय परिक्रमा

Janaki Kund Pariar 14 Kosi Parikrama with bamboo stick उन्नाव में बिठूर स्थित अति प्राचीन बाल हनुमान मंदिर से लड्डू गोपाल का डोला और राम दरबार की शोभायात्रा धूमधाम से निकली। जानकी कुंड परियर आश्रम पहुंची। ढोल नगाड़ों के साथ निकली शोभायात्रा में शामिल झांकियां की यात्रा मार्ग में पूजा अर्चना की गई। भंडारे का भी आयोजन किया गया। यहां से यात्रा बिठूर पहुंचकर समाप्त हुई। इसी के साथ फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी से 14 कोसीय परिक्रमा प्रारंभ हुई। यह यात्रा कानपुर के बिठूर, बड़े हनुमान मंदिर, ब्रह्मावर्त कोठी तक होती है। यात्रा मार्ग में बड़ी संख्या में भंडारे का भी आयोजन किया गया।

यह भी पढ़ें: जानकी कुंड परियर – यहां मैया जानकी बिना श्री राम के विराजमान है, लगता है भक्तों का मेला

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में जानकी कुंड परियर से 14 कोसीय परिक्रमा प्रारंभ हुई। यह यात्रा भक्तगण पैदल पूरी करते हैं। कानपुर के बिठूर, बड़े हनुमान मंदिर जाती है। यहां से ब्रह्मावर्त खूंटी पहुंचती है। परंपरा के अनुसार ब्रह्मावर्त खूंटी में घी के दीए जलाकर पूजा अर्चना की जाती है और 14 कोसी यात्रा में शामिल भक्त गंगाजल लेकर अपने घर वापस आ जाते हैं।

बांस की छड़ी लेकर होती है परिक्रमा

14 कोसीय परिक्रमा में बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। पंडित बड़कऊ दीक्षित ने बताया कि 14 कोसीय परिक्रमा में बांस की छड़ी लेकर चलने की परंपरा है। मान्यता है कि बांस की छड़ी लेकर चलने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है, वह वंश बढ़ता है। यात्रा मार्ग पर बड़ी संख्या में भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।