
शासनादेश जारी होने तक चलेगा लेखपालों का बेमियादी आंदोलन, दे रहे हैं शासन को चुनौती
उन्नाव. शासन के सख्त निर्देश के बाद भी लेखपाल आंदोलन से पीछे हटने के मूड में नहीं है। आर-पार की इस लड़ाई में लेखपाल संघ ने अपना धरना प्रदर्शन जिलाधिकारी कार्यालय के बगल में शुरू कर दिया। जिसमें बड़ी संख्या में लेखपाल मौके पर पहुंचे और अपनी मांगों के समर्थन में शासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को सद्बुद्धि देने के लिए सुंदर पाठ का भी आयोजन किया। संघ के पदाधिकारियों का कहना था कि सरकार उनसे काम तो लेना चाहती है परंतु सुविधाएं कुछ भी नहीं देती है। लेखपालों की हड़ताल से तहसील का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ। जिसमें आय निवास और जात प्रमाण पत्र बनवाने वालों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
वेतन विसंगतियां पेंशन आदि में सुधार की मांग
धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार ने बताया कि उन लोगों की प्रमुख मांगों में वेतन विसंगति, पेंशन विसंगति, भत्तो में वृद्धि लैपटॉप और स्मार्टफोन प्रोन्नति आदि है। जिनका ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया। पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार उन्हें मजदूर समझ रखा है। जो काम तो सब कराना चाहते हैं, लेकिन सुविधाएं नहीं देना चाहते। उन्होंने कहा कि अभी हम लोगों को भ्रम था कि उन्हें साइकिल भत्ता मिल रहा है लेकिन उन्हें साइकिल भत्ता भी नहीं दिया जा रहा है। उन्हें केवल एक नियत यात्रा भत्ता सो रुपए का दिया जा रहा है। अन्य विभागों में साइकिल और मोटरसाइकिल भत्ता में बड़े पैमाने पर इजाफा किया जा रहा है ऐसे में लेखपालों को कुछ भी ना दिया जा रहा है।
लेखपालों के सीने में आग लगी
जिला अध्यक्ष प्रवीण कुमार ने कहा कि आज प्रदेश के 32,000 लेखपाल के सीने में आग लगी हुई है। अब लेखपाल जलालत की जिंदगी नहीं जिएंगे। गुलामी की जिंदगी से छुटकारा पाना चाहते हैं। सरकार जब तक लेखपाल की जायज मांगों और सुविधाओं को नहीं देती है कब तक लेखपाल काम पर वापस नहीं आएंगे। आर-पार की लड़ाई होगी। उन्होंने कहा कि पूर्व की भांति आश्वासन पर लेखपाल काम पर वापस नहीं आएंगे। हमेशा उन्होंने आश्वासन को मानते हुए अपने आंदोलन को स्थगित किया। फिर भी उन्हें कुछ नहीं मिला।
उन्हें एस्मा में जेल भेजा जाए
परंतु इस बार प्रांतीय कार्यकारिणी ने ऐलान कर दिया है कि जब तक उनकी मांगों पर शासन द्वारा शासनादेश जारी नहीं होता है। तब तक उनका आंदोलन समाप्त नहीं होगा। प्रवीण कुमार ने कहा कि अब चाहे किसी भी स्तर तक जाना पड़े जाएंगे। प्रांतीय नेतृत्व में निश्चय किया है कि जेल जाना व लाठी खाना के साथ कुर्बानी देने को भी वह तैयार हैं। लेखपाल ने कहा कि उन्हें एस्मा में ही जेल भेजा जाए ना की किसी अन्य धाराओं में। धरना प्रदर्शन को पूर्व जिला अध्यक्ष महेंद्र सिंह, पूर्व जिला अध्यक्ष शकील बाबा, राम नरेश यादव, अरुण कुमार बाजपेई, चंद्रभूषण, रवींद्रनाथ, अवनीश तिवारी ने भी संबोधित किया। सभी वक्ता मांगो और सुविधाओं पर शासनादेश जारी ना होने तक आंदोलन जारी रखने का आह्वान किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में जनपद के लेखपाल मौजूद थे।
तहसील का काम प्रभावित
लेखपाल की हड़ताल का असर सबसे ज्यादा जाति और आय प्रमाण पत्र बनाने वालों में देखा गया लेखपालों की हड़ताल से जाति और आय प्रमाण पत्र बनाने वाले लोगों की रिपोर्ट में लेखपाल की आख्या नहीं लग पाई जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा इसके अलावा भी बहुत सारे काम प्रभावित हुए
Published on:
10 Jul 2018 12:32 pm
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