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बायोमेट्रिक मशीन नहीं तो वेतन नहीं – प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण

- प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग का आदेश - राजकीय निर्माण निगम द्वारा निर्माणाधीन परियोजनाओं को निर्धारित समय-सीमा के अन्दर पूरा किया जाय - जो कार्य पूर्ण हो गये हैं उन्हे 15 दिसम्बर तक हर हाल में सम्बन्धित विभाग को हैण्डओवर किया जाय

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बायोमेट्रिक मशीन नहीं तो वेतन नहीं - नितिन रमेश गोकर्ण

बायोमेट्रिक मशीन नहीं तो वेतन नहीं - प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण

लखनऊ. प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग, उ0प्र0 शासन नितिन रमेश गोकर्ण ने उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि वह निर्माणाधीन परियोजनाओं को निर्धारित समय-सीमा के अन्दर पूर्ण करें। उन्होने कहा कि कार्यों में लापरवाही या हीलाहवाली करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को किसी भी दशा में माफ नहीं किया जायेगा। श्री गोकर्ण आज यहाॅ जनपथ सचिवालय में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में उत्तर प्रदेश निर्माण निगम द्वारा कराये जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।

2,019-20 में 1713 परियोजना पर कार्य सक्रिय

समीक्षा के दौरान निर्माण निगम के प्रबन्ध निदेशक यू. के. गहलौत द्वारा बताया गया कि वर्ष 2019-20 में 1713 परियोजनाओं पर सक्रिय कार्य हैं। जिसमें 482 परियोजनाएं उत्तर प्रदेश के बाहर की और 1231 परियोजनाएं उत्तर प्रदेश के अन्दर की हैं। उन्होने बताया कि 1546 कार्य प्रगति पर हैं और 167 परियोजनाएं पूरी हो गयी हैं। 742 परियोजनाओं पर 75 प्रतिशत से अधिक के कार्य हो गये हैं।

31 मार्च तक कार्य पूरे करने के निर्देश

प्रमुख सचिव ने निर्देश दिये कि 75 प्रतिशत पूर्ण हुए कार्य 31 मार्च तक हर हाल में पूरे करा लिये जाये। उन्होंने कहा कि जिन कार्यों में पुनरीक्षित आगणन आने हैं उनके आगणन तत्काल दिये जाॅय। कार्यों की पूरी स्टैटस रिपोर्ट दी जाय, जहाॅ पैसे की कमी है उसकी डिमान्ड की जाय। उन्होने निर्देश दिये सभी परियोजनाओं की धनराशि मुख्यालय से ही रिलीज की जायेगी। जिन 159 परियोजनाओं के पुनरीक्षित आगणन आने हैं, उनके बारे में विभागवार यह भी अवगत कराया जाय कि जितना पैसा रिलीज हुआ था। उसके सापेक्ष कार्य समय से हुये या नहीं और जिनमें पैसे के अभाव में विलम्ब हुआ, कितने दिनों से विलम्ब हुआ। इसकी रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप पर एक सप्ताह में दी जाय। बैठक में बताया गया कि सबसे अधिक धनराशि के कार्य चिकित्सा शिक्षा विभाग के कराये जा रहे हैं।

ऑडिट में गड़बड़ी तो एफ आई आर के साथ जेल

प्रमुख सचिव ने निर्देश दिये कि काॅनकरेन्ट ऑडिट का कार्य धीमा है। इसे शीघ्र पूरा किया जाय, ऑडिट में कहीं गड़बड़ी पायी गयी तो सम्बन्धित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर जेल भेजा जायेगा। उन्होने कहा कि सभी ऑडिट रिपोर्ट, ऑडिट कराकर शासन को भेजी जाय। श्री गोकर्ण ने निर्देश दिये कि सभी साइटों पर बायोमेट्रिक मशीनें लग जानी चाहिए। 01 दिसम्बर तक सब जगह यह मशीन नहीं लगी तो किसी भी दशा में वेतन आहरित नहीं किया जायेगा। उन्होने यह भी निर्देश दिये कि जो परियोजनाएं पूरी हो गयी हैं। उन्हे सम्बन्धित विभागों को 15 दिसम्बर तक अनिवार्य रूप से हैण्डओवर कर दिया जाय। प्रत्येक परियोजना के कार्याें की गुणवत्ता रिपोर्ट हर महीने की 07 तारीख तक उपलब्ध करायी जाय।

किसी भी दशा में वेतन आहरित नहीं

प्रमुख सचिव ने कहा कि जिन परियोजना की गुणवत्ता रिपोर्ट नहीं आयी है। उनके प्रोजेक्ट मैनेजरों को चेतावनी जारी की जाय। जहाॅ से क्वालिटी टेस्ट रिपोर्ट समय से नहीं आयेगी वहाॅ के अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी। किसी भी परियोजना के पूरा करने में किसी प्रकार की समस्या आ रही हो तो उसे तुरन्त संज्ञानित कराया जाय। प्रबन्ध निदेशक यूपीआरएनएन ने बताया कि इस समय उत्तर प्रदेश के 40 विभागों के कार्य निगम द्वारा कराये जा रहे हैं।


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