
जीने की इच्छा खत्म, शायद मरने के बाद मिले न्याय
उन्नाव. कमिश्नर के आदेश का भी स्थानीय प्रशासन अनुपालन कराने में अक्षम साबित हो रहा है। ग्राम प्रधान तालाब के मालिक को मछली मारने से रोक रहा है। पीड़ित परिवार इस संबंध में उप जिलाधिकारी को भी लिखित शिकायत दे चुका। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस संबंध में पीड़ित परिवार ने बताया की मजबूरी में जिलाधिकारी कार्यालय के बगल में जीने की इच्छा खत्म शायद मरने के बाद न्याय मिले के बैनर तले धरना प्रदर्शन करने पहुंचे। धरना प्रदर्शन स्थल पर लगाया गया बैनर में लिखें सब लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं और प्रशासन को मुंह चिढ़ा रहा है।
विभागीय कमी के कारण तालाब में दर्ज हुई जमीन
जगह गड्ढे में होने के कारण चकबंदी में लेखपालों की गलती से तालाब में दर्ज हो गई। भू-स्वामी को इसकी जानकारी नहीं हुई। लगातार भू-स्वामी उसमें मछली पालन आदि का कार्य करता रहा। इस संबंध में जानकारी होने पर न्यायालय उप जिलाधिकारी सफीपुर के समक्ष वाद दायर किया है। लेकिन प्रधान की पैरवी के बाद उपजिलाधिकारी के न्यायालय में चल रहा मुकदमा निरस्त कर दिया गया। अब जबकि लखनऊ मंडल कमिश्नर ने यथास्थिति बनाएं रखने का आदेश दिया था जिसको भी स्थानीय प्रशासन मानने को तैयार नहीं है उन्हें मछली मारने से मछली पकड़ने से रोक रहे हैं। जिससे उन लोगों को काफी नुकसान हो रहा है और तालाब में मछली मर रही हैं। इस संबंध में पीड़ित परिवार जिला अधिकारी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर है और बैनर लगाकर विगत 16 जुलाई से धरना दे रहा है।
बांगरमऊ तहसील के कांटा गुलजारपुर का मामला
बांगरमऊ तहसील के कांटा गुलजारपुर निवासी फरीदूजमा पुत्र वदी उजमा ने जिलाधिकारी कार्यालय के धरना स्थल पर बातचीत के दौरान बताया कि गांव प्रधान सबीहा खातून पत्नी आरिफ जमा निवासी कांटा गुलजार बांगरमऊ उन लोगों को तालाब से मछली मारने से रोक रहे हैं। इस संबंध में लखनऊ कमिश्नरी में उन्होंने वाद दायर किया था। जिसका निर्णय उनके पक्ष में आया था। कमिश्नर ने आदेश किया था कि मौके पर यथास्थिति बनाए रखी जाए और उसमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन ना किया जाए। उन्होंने कहा कि कमिश्नर के आदेश के बावजूद ग्राम प्रधान उन्हें मछली मारने से रोक रहे हैं।
तालाब की मछलियां मर रही
इस संबंध में उन्होंने उप जिलाधिकारी को भी शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई थी और कमिश्नर के आदेश के अनुपालन की मांग किया था। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। थक हार कर उन्हें जिलाधिकारी कार्यालय में धरना प्रदर्शन के लिए आना पड़ा। फरीदुजमा के साथ अतीकुनिशा अन्य आधा दर्जन लोग धरना प्रदर्शन में मौजूद थे। इसके साथ ही उन्होंने एक बैनर भी टांग रखा था जिसमें लिखा था कि भूखे-प्यासे मरने को मजबूर और जीने की इच्छा खत्म शायद मरने के बाद न्याय मिले लिखा था। बैनर पर लिखे शब्द राहगीरों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।
Published on:
19 Jul 2018 11:51 am
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