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ठठिया वाले गुरुजी के सानिध्य में जानकी कुंड परियर में मनाया जाता है प्रकाश उत्सव

- आसपास के गांव के अतिरिक्त कानपुर और उन्नाव शहर से भी लोग दीप प्रज्वलित करने के लिए जाते हैं

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ठठिया वाले गुरुजी के सानिध्य में जानकी कुंड परियर में मनाया जाता है प्रकाश उत्सव

ठठिया वाले गुरुजी के सानिध्य में जानकी कुंड परियर में मनाया जाता है प्रकाश उत्सव

उन्नाव. दिवाली के अवसर पर अयोध्या को दीया के प्रकाश से प्रकाशमय करने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़े पैमाने पर तैयारियां की हैं। जनपद में भी श्री राम से जुड़ी अनेक विख्यात पूजा स्थल मौजूद है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम द्वारा परित्याग के बाद मैया सीता ने महर्षि वाल्मीकि आश्रम परिसर में आश्रय लिया था। जहां पर उन्होंने लव और कुश को जन्म दिया। दिवाली के अवसर पर महर्षि बाल्मीकि आश्रम परियर में भक्तों द्वारा दीप महोत्सव मनाया जाता है। इस संबंध में बातचीत करने पर मंदिर के पुजारी ने बताया कि ठठिया वाले गुरुजी के सानिध्य व मार्गदर्शन में कार्यक्रम का आयोजन होता है।


ठठिया वाले गुरुजी की उपस्थिति में होगा कार्यक्रम

जानकी कुंड परिहर से मिली जानकारी के अनुसार दीपोत्सव कार्यक्रम में आसपास के गांव के अतिरिक्त शहर व कानपुर, लखनऊ से भी भक्तगण दीप प्रज्वलित करने के लिए आते हैं। उन्होंने बताया कि परियर, मरौंदा, नया खेड़ा, बीबी खेड़ा, फरीदपुर, बिठूर, सहित उन्नाव शहर से भी आते हैं। दिवाली के अवसर पर यहां विशेष चहल-पहल रहती है। जानकी कुंड परियर में होने वाले आयोजन में ठठिया वाले बाबा का विशेष योगदान रहता है। जानकी कुंड परियर के प्रबंधक व महंत ठठिया वाले गुरु जी के मार्गदर्शन व सानिध्य में कार्यक्रम का आयोजन होता है।


कैसे पहुंचे जानकी कुंड परियर

जानकी कुंड परियर तक सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है, जहां उन्नाव कानपुर और लखनऊ से अलग-अलग मार्गों से पहुंचा जा सकता है। पहुंचने के लिए सड़क मार्ग से रास्ता है। कानपुर से बिठूर होते हुए गंगा नदी पार करते परियर का क्षेत्र शुरू हो जाता है। जो बिठूर से 9 किलोमीटर दूर है। यह मार्ग सबसे सुगम व आसान है। इसके अतिरिक्त उन्नाव से चकलवंशी होते हुए परियर पहुंचा जा सकता है। जनपद मुख्यालय से जानकी कुंड परियर की दूरी लगभग 28 किलोमीटर है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से जानकी कुंड परियर लगभग 76 किलोमीटर है जहां मोहान चकलवंशी होते हुए मौके पर पहुंचा जा सकता है।