scriptउत्तीर्ण अंक घटाकर शिक्षामित्रों के साथ धोखा, कोर्ट में भर्ती प्रक्रिया को फंसाने की है गुप्त रणनीति | Yogi Sarkar cheated to shiksha mitra about passing marks | Patrika News
उन्नाव

उत्तीर्ण अंक घटाकर शिक्षामित्रों के साथ धोखा, कोर्ट में भर्ती प्रक्रिया को फंसाने की है गुप्त रणनीति

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इंटर पास शिक्षामित्रों के ऊपर एक और प्रतियोगी परीक्षा थोप दी है।

उन्नावMay 25, 2018 / 06:29 pm

Mahendra Pratap

Yogi Sarkar cheated to shiksha mitra about passing marks

उत्तीर्ण अंक घटाकर शिक्षामित्रों के साथ धोखा, कोर्ट में भर्ती प्रक्रिया को फंसाने की है गुप्त रणनीति

उन्नाव. प्रदेश में लगभग 172000 शिक्षामित्रों में 30 से 40% टेट पास है। सरकार ने इंटर पास शिक्षामित्रों के ऊपर एक और प्रतियोगी परीक्षा थोप दी है। जो एनसीटीई के गाइडलाइन के अनुसार नहीं है। योगी सरकार शिक्षामित्रों के साथ केवल छलावा कर रही रखा है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिला अध्यक्ष सुधाकर तिवारी ने योगी सरकार के न्यूनतम प्रतिशत को छलावा करार दिया है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार यदि वाकई शिक्षा मित्रों के साथ खड़ी है उनके हित में कुछ कार्य करना चाहती है तो अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों को समायोजित शिक्षक बनाने की पहल करें। इसके अतिरिक्त शिक्षामित्रों के हित में कोई दूसरा कदम नहीं हो सकता है।

अध्यादेश के अलावा कोई दूसरा कदम मान्य नहीं

गौरतलब है शिक्षामित्रों के लिए आयोजित की जा रही परीक्षाओं में उत्तर प्रतिशत को कम कर के सामान्य और ओबीसी के लिए 33% कर दिया गया है। इसके साथ ही एससी एसटी वर्ग के लिए 30% अंक उत्तीर्ण के लिए रखे गए हैं। शिक्षामित्रों का कहना है कि कोर्ट में शासन द्वारा उत्तीर्ण प्रतिशत को चैलेंज करने का योगी सरकार मौका दे रही है। जिससे शिक्षा मित्रों का भविष्य अधर में लटका रहे। टेट के बाद जो परीक्षा लगाकर नंबर घटाने का काम किया गया है। वह केवल कोर्ट मैं भर्ती को फंसाने की गुप्त रणनीति है। जिसमें ब्यूरोक्रेट भी पूरी तरीके से शामिल है। जो योगी मुख्यमंत्री को गुमराह कर रहे हैं।

एक साल होने के बाद भी नहीं हो रही ठोस कार्रवाई

सुधाकर तिवारी ने कहा कि स्नातक व दो वर्षीय बीटीसी है। उनके साथ भी प्रदेश सरकार छलावा कर रही है। वो शिक्षामित्र जो विगत 17 – 18 वर्षों से बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में अपना अमूल्य समय दे चुके हैं। जिनकी उम्र भी लगभग 40 के पार कर चुके हैं ऐसी स्थिति में शिक्षामित्र क्या करें और कहां जाएं। शिक्षामित्र आज अपनी स्थाई रोजी रोटी के लिए संशकित हैं। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने अपने संकल्प पत्र में शिक्षामित्रों की समस्याओं को शामिल करते हुए कहा था कि उनकी सरकार बनने के बाद स्थाई व्यवस्था की जाएगी। परंतु योगी सरकार के लगभग 1 साल से ऊपर हो चुके हैं। अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

बीजेपी की असंवेदनशील सरकार

प्रदेश में लगभग 600 शिक्षामित्र आत्महत्या कर चुका है। लेकिन BJP की असंवेदनशील सरकार के कानों में जूं नहीं रेंग रही है। जिससे शिक्षामित्र आक्रोशित है। सुधाकर तिवारी ने कहा कि आगामी 1 जून से लखनऊ में चलने वाले धरना से शिक्षामित्र योगी सरकार से अपेक्षा करेगी कि वह शिक्षा मित्रों के प्रति सकारात्मक कदम उठाएं। गौरतलब है आगामी 1 जून से उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संयुक्त संघ द्वारा अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है। इको गार्डन में होने वाले इस धरना में प्रदेश के लाखों शिक्षामित्र शामिल होंगे। सुधाकर तिवारी ने कहा कि एक जून से होने वाले महा आंदोलन का आगाज BJP सरकार के लिए ताबूत की कील साबित होगा। यदि शिक्षा मित्रों के पक्ष में स्थाई हल नहीं निकलता है, तो 2019 से BJP के लिए उत्तर प्रदेश में सपना हो जाएगा।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो