
वीसी विनय पाठक के खिलाफ चल रही STF जांच
CSJMU Kanpur Job Scam : कानपुर की छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी में टीचर्स से लेकर नॉन-टीचिंग स्टाफ की नियुक्तियों में गड़बड़ी के आरोपी वाइस चांसलर विनय पाठक को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार कर लिया है।
वीसी विनय पाठक पर उसके सहयोगी अजय मिश्रा के साथ परीक्षा एजेंसी के मालिक से रिश्वत लेने का आरोप है। एसटीएफ ने जबरन वसूली और डराने-धमकाने के आरोप में पाठक के सहयोगी अजय मिश्रा को गिरफ्तार किया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने पाठक पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की STF जांच के निर्देश दिए थे।
इस मामले में हुई है गिरफ्तारी
परीक्षा कराने वाली एक निजी कंपनी के मालिक जानकीपुरम के डेविड मारियो ने कानपुर के इंदिरा नगर थाने में मामला दर्ज कराया था। डेविड का आरोप है कि विनय पाठक ने आगरा विश्वविद्यालय का वीसी रहते हुए अपने कार्यकाल के दौरान अजय मिश्रा को बिलों के भुगतान के लिए पैसे दिए थे, जब उन पर दबाव बनाया गया था।
डेविड की कंपनी 2014-15 से 2020 तक आगरा विश्वविद्यालय के साथ काम कर रही थी। पाठक के आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्यकाल के दौरान, उनकी कंपनी ने एक अनुबंध के तहत परीक्षा आयोजित की थी।
डेविड ने कहा कि जब वह अपना बकाया चुकाने के लिए कानपुर विश्वविद्यालय में वीसी विनय पाठक से उनके आवास पर मिले, तो उनसे कहा गया कि उन्हें 15 प्रतिशत का कमीशन देना होगा। इसके बाद वीसी पाठक के कहने पर उन्होंने उनके सहयोगी अजय मिश्रा को 1.41 करोड़ रुपये दिए लेकिन बाद में उनकी कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया गया और उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई।
वीसी पाठक ने ऐसे चलाया जॉब रैकेट
विश्वविद्यालय के स्थाय कर्मचारियों ने वीसी प्रो. विनय कुमार पाठक पर संगीन आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने रिश्तेदारों को भर्ती करने के लिए स्पेशल पीएमयू सेल का गठन किया।
कर्मचारियों द्वारा लगाए गए आरोप के मुताबिक इस सेल के ज़रिये कर्मिचारियों की अवैध भर्ती का ये रैकेट चलाया गया है। दरअसल इस सेल में केवल एजेंसी के माध्यम से आवेदन करने वाले कर्मचारियों की भर्ती हुई जो कि कथित तौर पर वीसी पाठक के अपने लोग हैं।
बड़ी बात ये है कि ये लोग पिछली यूनिवर्सिटी में भी प्रोफेसर पाठक के अधीन काम कर चुके थे। इतना ही नहीं इन्हें निर्धारित सैलरी स्ट्रक्चर से ज्यादा वेतन और स्पेशल सुविधाएं दी जा रही है।
वीसी पाठक के खिलाफ SIT जांच
फिलहाल आरोपी वीसी विनय कुमार पाठक पर लगे आरोपों की जांच SIT कर रही है। जब से वह कानपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति बने है तभी से उनकी नीति और फैसलों को लेकर विवाद होता रहा है और उन्हें कई बार हटाए जाने की मांग भी उठ चुकी है।
प्रोफेसर पाठक ने कानपुर विवि का वीसी बनते ही पीएमयू नामक एक स्पेशल सेल का गठन किया ताकि वह अपने करीबी और रिश्तेदारों को यूनिवर्सिटी में नौकरी देंगे सके सकें। वीसी पाठक ने इस सेल को छात्रों की अंकतालिका व अंतिम परीक्षा परिणाम से जुड़ा काम सौंप दिया जिसके बाद अंकतालिका में अंक गलत चढ़न, डाक्यूमेंट्स आदि जुडी समस्याओं को लेकर छात्र-छात्राएं पीएमयू सेल का चक्कर काट रहे हैं।
हालांकि पहले ये सभी काम विश्वविद्यालय के कर्मचारी करते थे। अब विनय पाठक और अजय मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद इन मामलों में नए खुलासे होने की उम्मीद है। कानपुर यूनिवर्सिटी में लंबे समय से वीसी पाठक को लेकर कई विवाद चल रहे थे।
Updated on:
08 Nov 2022 09:33 pm
Published on:
08 Nov 2022 09:26 pm
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