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लखनऊ गैस गोदाम विस्फोट: 6 लोग घायल, अवैध गतिविधियों पर सवाल”

लखनऊ के दुबग्गा इलाके में अवैध गैस गोदाम में हुए भीषण विस्फोट में 6 लोग घायल हो गए, जिनमें भाई-बहन भी शामिल हैं। हादसे ने प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि गोदाम लंबे समय से अवैध रूप से संचालित हो रहा था।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Dec 07, 2024

भाई-बहन समेत 6 घायल, ग्रामीणों ने उठाए पुलिस और प्रशासन पर सवाल

भाई-बहन समेत 6 घायल, ग्रामीणों ने उठाए पुलिस और प्रशासन पर सवाल

लखनऊ के दुबग्गा इलाके में शुक्रवार शाम हुए एक भीषण विस्फोट ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी। यह विस्फोट एक अवैध गैस गोदाम में हुआ, जहां गैस रिफिलिंग और कटिंग का काम किया जा रहा था। हादसे में चार मजदूर और पास में खेल रहे दो मासूम बच्चे झुलस गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि यह अवैध गोदाम लंबे समय से पुलिस की मिलीभगत से संचालित हो रहा था।

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विस्फोट का घटनाक्रम: कैसे हुआ हादसा

शाहपुर भमरौली के मल्लपुर गांव में अशोक गुप्ता के मकान में यह हादसा हुआ। शाम करीब 6 बजे गैस कटिंग के दौरान गैस रिसाव से विस्फोट हुआ। विस्फोट इतना जोरदार था कि आसपास के मकानों के लोग घबरा गए और घरों से बाहर निकल आए।विस्फोट के समय गोदाम में काम कर रहे चार मजदूर घायल हो गए। गोदाम के सामने खेल रहे सिराज के दो बच्चे—दीशान (5) और आयशा (7)—भी झुलस गए।

घायलों की पहचान
मोहित गुप्ता (24), आदर्श विहार, ठाकुरगंज।
शोभित गुप्ता (22), आदर्श विहार, ठाकुरगंज।
सोमनाथ विश्वकर्मा (33), आदर्श विहार, ठाकुरगंज।
रंजीत (अन्य विवरण अप्राप्त)।
दीशान (5)।
आयशा (7)।

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ग्रामीणों के आरोप: अवैध गोदाम पर पुलिस की चुप्पी

ग्रामीणों ने बताया कि अशोक गुप्ता लंबे समय से अवैध गैस गोदाम का संचालन कर रहा था। यह गोदाम जगह-जगह बदलकर चलाया जाता था ताकि इसके बारे में मुखबिरी न हो। मजदूरों को बार-बार बदल दिया जाता था ताकि किसी को शक न हो। ग्रामीणों का दावा है कि पुलिस को इस अवैध गतिविधि की जानकारी थी, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई।

डीसीपी का बयान
डीसीपी वेस्ट ओमवीर सिंह ने कहा कि: घटना की गहन जांच की जाएगी।
स्थानीय पुलिस की भूमिका की भी जांच होगी।
अवैध गोदाम संचालन में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
अवैध गैस गोदाम: खतरे और लापरवाही का गठजोड़

अवैध गतिविधियों के कारण
रिफिलिंग और कटिंग जैसे कार्य बिना सुरक्षा उपायों के चलते हैं।
गैस रिसाव और विस्फोट का खतरा बना रहता है।
प्रशासन और पुलिस की निष्क्रियता अवैध कार्यों को बढ़ावा देती है।

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सुरक्षा मानकों की अनदेखी

अवैध गैस गोदामों में सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाता।
मजदूरों की सुरक्षा और आसपास के लोगों के जीवन को खतरे में डाला जाता है।
ग्रामीणों ने निभाई इंसानियत, प्रशासन की अनदेखी पर नाराजगी
विस्फोट के तुरंत बाद ग्रामीणों ने राहत कार्य शुरू किया।

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घायलों को बाहर निकालकर ट्रामा सेंटर भेजा गया।
दमकल और पुलिस के पहुंचने से पहले ही ग्रामीणों ने आग बुझाने की कोशिशें कीं।
ग्रामीणों ने प्रशासन की लापरवाही पर नाराजगी जताई और न्याय की मांग की।
सरकार और प्रशासन पर उठते सवाल

पुलिस की भूमिका संदिग्ध

स्थानीय पुलिस को अवैध गोदाम की जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? ग्रामीणों ने बताया कि इस गोदाम को चलाने में पुलिस की शह थी।

आवश्यक कार्रवाई
अवैध गैस गोदामों को बंद करने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है।
दोषी अधिकारियों और संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम की मांग
यह घटना एक चेतावनी है कि अवैध गतिविधियों को नजरअंदाज करने का नतीजा कितना भयावह हो सकता है। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।