एक साथ लाखों की संख्या में श्रद्धालु लगाते हैं आस्था की डुबकी माघ मेले में आने वाले श्रद्धालु एक साथ लाखों की संख्या में आस्था की डुबकी लगाते हैं और उनका सम्पर्क भी होता है। ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर माघ मेले में असर डाल सकती है। कोरोना वायरस और ओमिक्रोन से श्रद्धालुओं को बचाने के लिए मेला प्रशासन पूरी तैयारी में है। कल्पवासी के शिविर में अलग- अलग कैम्प होंगे। कैंप रहने वाले लोगों का नियमित हेल्थ चेकअप होगा। कल्पवासी शिविर के पास हेल्थ शिविर भी लगाया जाएगा।
स्वास्थ्य लोगों की मिलेगी इंट्री माघ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को पूरी तरह से स्वास्थ्य रहना होगा। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, एयरपोर्ट और निजी वाहनों से आने वालों को चेकपोस्ट पर स्वास्थ्य चेकअप और बॉडी का तापमान लिया जाएगा। अगर कोई भी व्यक्ति संक्रमित रहा तो उसे स्वास्थ्य टीम वहीं पर रोककर आइसोलेट कर देगी।
श्रद्धालुओं के लिए मास्क अनिवार्य मंडलायुक्त संजय गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि माघ मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं को मास्क अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही सभी का कोरोना टीकाकरण प्रमाणपत्र भी देखा जाएगा। अगर जिन श्रद्धालुओं के पास टीकाकरण प्रमाणपत्र और मास्क नहीं है, उसको मेला क्षेत्र में इंट्री नहीं मिलेगा।
14 जनवरी शुरू होगा माघ मेला देश- दुनिया में प्रसिद्ध सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन का आगाज 14 जनवरी मकर संक्रांति के स्नान पर्व से शुरू हो जाएगा। संगम की रेती पर साधु-संतों, कल्पवासी और श्रद्धालुओं का डेरा लग जायेगा। पूरे माह चलने वाले इस माघ मेले में स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी जिम्मेदारी है। ओमिक्रोम का संक्रमण माघ मेले में न पहुंचे इसके लिए तैयारी पूरी हो और विभागों को भी निर्देशित किया जा रहा है।