Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rain Impact Crops: बारिश का मिला मिश्रित असर: देर से हुई बरसात ने किसानों की चिंता बढ़ाई

Rain Impact Crops: पिछले गुरुवार से शुक्रवार की शाम तक लगातार बारिश ने किसानों के बीच मिश्रित प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं। कुछ फसलों को लाभ हुआ है, जबकि अन्य को नुकसान का सामना करना पड़ा है। विशेष रूप से धान, ज्वार, बाजरा, मक्का और सब्जी की फसलों पर बारिश का असर देखा जा रहा है। धान की शंकर प्रजातियों के खेत पानी से डूब गए हैं, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। जबकि गन्ना और लाही (सरसों) की फसलों को इस बारिश से फायदा हुआ है।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Ritesh Singh

Sep 17, 2024

किसानों की चिंताएं बढ़ीं, फसलों पर असर

किसानों की चिंताएं बढ़ीं, फसलों पर असर

Rain Impact Crops: पिछले गुरुवार और शुक्रवार को हुई लगातार बारिश ने धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, मूंगफली, उड़द, केला, और अन्य सब्जियों की फसलों को प्रभावित किया है। भौली के प्रगतिशील किसान धीरेंद्र प्रताप सिंह और सुनील वर्मा ने बताया कि उनके खेतों में धान की शंकर प्रजातियां पानी में डूब गई हैं, जिससे उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, बौनी प्रजातियों की फसलों को कम नुकसान हुआ है। बारिश की वजह से कुछ सब्जियों की फसलों को भी नुकसान हुआ है, जिससे किसानों को आगे भी अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।

यह भी पढ़ें: UP Rain: यूपी में डिप्रेशन का कहर: लखनऊ समेत कई जिलों में अगले तीन दिन तक भारी बारिश की चेतावनी

गन्ना किसानों को इस बारिश से लाभ मिला है, क्योंकि गन्ने की फसल को ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है। इसी के साथ लाही (सरसों) की बुवाई के लिए यह समय काफी अनुकूल माना जाता है, और बारिश ने लाही की बुवाई के लिए अच्छा माहौल तैयार किया है।

सब्जियों की नर्सरी पर प्रभाव

सितंबर का महीना टमाटर, बैंगन, मिर्च और गोभी जैसी सब्जियों की नर्सरी तैयार करने के लिए उपयुक्त समय होता है। हालांकि, इस बार की लगातार बारिश ने इन सब्जियों की नर्सरी पर प्रभाव डाला है। नर्सरी में बीजों की बुवाई में देरी और पानी का जमाव किसानों के लिए समस्या पैदा कर सकता है।

यह भी पढ़ें: यूपी के पूर्वी और पश्चिमी तराई क्षेत्रों में भारी बारिश का मचेगा तूफान, कई जिलों में बाढ़, मौसम विभाग का नया अपडेट

धान में गंधी कीट का खतरा बढ़ा

धान की फसल में नमी बढ़ने से गंधी कीट का प्रकोप भी बढ़ने का खतरा है। सितंबर का महीना धान की दग्धावस्था का होता है, जहां गंधी कीट का हमला फसल को नुकसान पहुंचा सकता है। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे इस कीट के प्रकोप को पहचानें और उसके लिए उचित कीटनाशकों का प्रयोग करें। कीटों के प्रबंधन के लिए क्लोरोपीरीफस और इमिडाक्लोप्रिड जैसे कीटनाशकों का उपयोग करने की सलाह दी गई है।

रबी की फसलों की बुवाई में देरी की संभावना

सितंबर के अंत में यदि लगातार बारिश होती रही, तो रबी की फसलों की बुवाई में देरी हो सकती है। विशेष रूप से गेहूं, चना और अन्य रबी फसलों की बुवाई के लिए सितंबर और अक्टूबर का महीना महत्वपूर्ण होता है। अगर यह बारिश जारी रहती है, तो किसानों को रबी की फसलों की बुवाई में परेशानी हो सकती है, जिससे फसलों की पैदावार पर असर पड़ सकता है।

यह भी पढ़ें: Varanasi Flood: वाराणसी में गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि, बाढ़ का खतरा बढ़ा: प्रशासन अलर्ट

कृषि विशेषज्ञों की सलाह

कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय के विशेषज्ञ डॉक्टर सत्येंद्र कुमार सिंह ने किसानों को आगामी फसलों के नुकसान को कम करने के उपाय सुझाए हैं। उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि वे पानी की निकासी के लिए उचित प्रबंध करें और फसलों को कीटों से बचाने के लिए सही समय पर कीटनाशकों का उपयोग करें।