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UP Politics: लखनऊ में भाजपा-सपा-बसपा के बीच पोस्टर वार: चुनावी गर्मी बढ़ी, एकता और सुरक्षित भविष्य के दावे

UP Politics: उपचुनाव के मद्देनजर पोस्टर वार: सपा और भाजपा के बीच तकरार, बसपा की भी एंट्री। 'बंटेंगे तो कटेंगे' नारे पर सपा का जवाब: 'अली भी हैं, बजरंगबली भी हैं' . बसपा का नया दावा: 'बसपा से जुड़ेंगे तो सुरक्षित रहेंगे और आगे बढ़ेंगे' .

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Nov 12, 2024

UP Politics

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UP Politics: उत्तर प्रदेश में उपचुनाव का माहौल अपने चरम पर पहुंच गया है, और इसके साथ ही भाजपा, सपा, और बसपा के बीच पोस्टर वार छिड़ चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए नारे "बंटेंगे तो कटेंगे" के जवाब में समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने पोस्टर में नया नारा दिया है - "अली भी हैं, बजरंगबली भी हैं, संग पीडीए के एकता की टोली भी है"। इस नारे के माध्यम से सपा एकता और सहयोग का संदेश दे रही है। वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी इस पोस्टर वार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।

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बसपा ने अपने कार्यालय के सामने पोस्टर लगाकर संदेश दिया है कि "बसपा से जुड़ेंगे तो सुरक्षित रहेंगे और आगे बढ़ेंगे"। बसपा की इस एंट्री ने चुनावी माहौल में नई हलचल पैदा कर दी है। भाजपा और सपा के बीच जारी पोस्टर युद्ध में बसपा का आना राजनीतिक दृष्टिकोण से चौंकाने वाला है, क्योंकि उपचुनाव के इस दौर में बसपा भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है।

सपा का एकता पर जोर

सपा प्रवक्ता अभिषेक बाजपेई द्वारा जारी किए गए नए पोस्टर में लिखा गया है - "एकता की होगी जीत।" इस पोस्टर में सपा ने अपने एकजुटता और समावेशिता के सिद्धांत पर जोर दिया है। इसमें "अली भी हैं, बजरंगबली भी हैं" का संदेश देकर सपा ने भाजपा के सांप्रदायिक विभाजन के आरोपों पर प्रतिउत्तर देने का प्रयास किया है। इसके अलावा, सपा के अन्य पोस्टरों में लिखा गया है - "बांटने वाले बांट नहीं पाएंगे। काटने की बात करने वाले 2027 में मुंह की खाएंगे।" ये नारे भाजपा की बयानबाजी पर सीधे सवाल उठाते हैं और सपा की रणनीति को स्पष्ट करते हैं।

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बसपा का ‘सुरक्षित भविष्य’ का संदेश

बसपा के पोस्टर में लिखा गया है - "बसपा से जुड़ेंगे तो सुरक्षित रहेंगे और आगे बढ़ेंगे"। इस नारे के जरिए बसपा ने सामाजिक सुरक्षा और उन्नति का संदेश देने की कोशिश की है। यूपी के राजनीतिक माहौल में यह पहली बार है जब बसपा ने चुनावी वार में सीधे हस्तक्षेप किया है। बसपा की ओर से यह भी संकेत मिलता है कि पार्टी उत्तर प्रदेश की राजनीतिक दौड़ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

भाजपा की प्रतिक्रिया और चुनावी रुख

भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने सपा के नारे "अली भी हैं, बजरंगबली भी हैं" पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "अली-अली की रट लगाने वाले अब चुनाव में बजरंगबली को भी याद कर रहे हैं"। यह टिप्पणी भाजपा की चुनावी नीति का एक हिस्सा है, जहां पार्टी धार्मिक मुद्दों को भी प्रमुखता से उठा रही है।

उपचुनाव के केंद्र में हैं 9 सीटें

उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों के उपचुनाव 20 नवंबर को होने हैं, जिनमें करहल, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर प्रमुख हैं। इन सीटों पर प्रमुख दलों के बीच कांटे की टक्कर है। चुनावी परिणाम 23 नवंबर को आएंगे, जो आगामी विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक परिदृश्य को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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लखनऊ में भाजपा, सपा और अब बसपा के बीच पोस्टर वार ने चुनावी माहौल को नया मोड़ दे दिया है। सभी दल एक-दूसरे पर तंज कसते हुए और अपने मुद्दों को सामने रखते हुए प्रचार कर रहे हैं। उपचुनाव का परिणाम न केवल इन सीटों के लिए महत्वपूर्ण होगा बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी बड़ा बदलाव ला सकता है।