
गंगा एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण करने के लिए सीएम योगी रविवार को हरदोई पहुंचे। सीएम का हेलीकाप्टर11 बजकर 5 मिनट पर हसनपुर में उतरा। यहां से सीएम ने कार से एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण किया। उनके साथ यूपीडा के अफसर, उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे डेवलपमेंट अथॉरिटी के अफसर और नेशनल एक्सप्रेस-वे डेवलपमेंट अथॉरिटी के अफसर मौजूद रहे।
सीएम ने एक्सप्रेस-वे पर चल रहे काम के बारे में जानकारी ली। इसके बाद निर्माण में हो रही देरी को लेकर अफसरों को फटकार लगाई। उन्होंने अफसरों से कहा, तय सीमा में एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया, "यह देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे में से एक है। गंगा एक्सप्रेस-वे का पूरा काम नवंबर तक पूरा होना है। इसकी संरचना इतनी मजबूत होगी कि इस पर लड़ाकू विमान या व्यावसायिक विमान भी उतर सकेंगे।"
गंगा एक्सप्रेस-वे की प्रस्तावित लंबाई 594 किलोमीटर है, जो मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस-वे के बाद देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा। वर्तमान में देश के टॉप-10 सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे की सूची में उत्तर प्रदेश के चार एक्सप्रेस-वे शामिल हैं। गंगा एक्सप्रेस-वे के चालू होने के बाद देश के टॉप-10 एक्सप्रेस-वे में से पांच एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के होंगे।
यह एक्सप्रेस-वे प्रदेश के 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा। इसके बन जाने पर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ होते हुए मेरठ से प्रयागराज तक का सफर चंद घंटों में पूरा किया जा सकेगा।
गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ-बुलंदशहर (एनएच 334) पर बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज में जूड़ापुर दादू गांव (एनएच 19) के पास खत्म होगा। यह परियोजना करीब 7,467 हेक्टेयर भूमि पर विकसित की जा रही है और इसकी अनुमानित लागत 36,230 करोड़ रुपये है।
इस एक्सप्रेस-वे पर बड़े विमान भी उतर सकेंगे। गंगा नदी (960 मीटर) और रामगंगा नदी (720 मीटर) पर दो बड़े पुल बनाए जाएंगे। गंगा एक्सप्रेस-वे शुरुआत में छह लेन का होगा, जिसे भविष्य में आठ लेन तक विस्तारित करने का प्रस्ताव है। इसे अधिकतम 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के लिए डिजाइन किया गया है।
जन सुविधा के लिए एक्सप्रेस-वे पर नौ सार्वजनिक सुविधा परिसर बनाए जाएंगे। दो मुख्य टोल प्लाजा (मेरठ और प्रयागराज में) स्थापित किए जाएंगे, और 15 स्थानों पर रैंप टोल प्लाजा भी प्रस्तावित हैं। इसके अलावा शाहजहांपुर की जलालाबाद तहसील के पास 3.50 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी भी बनाई जाएगी, जहां आपात स्थिति में विमान उतर सकेंगे।
Updated on:
27 Apr 2025 02:50 pm
Published on:
27 Apr 2025 02:44 pm
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