8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

काशी मॉडल से कोरोना पर लगाम लगाने की तैयारी, डॉक्यूमेंट्री बना कर पीएमओ पूरे देश में जारी करेगा एडवाइजरी

Kashi Model-कोरोना (Corona Virus) से जंग में नजीर बने काशी मॉडल को पूरे देश में अपनाए जाने की तैयारी है। प्रधानमंत्री कार्यालय बनारस के प्रयासों पर काशी मॉडल पर डॉक्यूमेंट्री को पूरे देश में एडवाइजरी के साथ जारी करेगा।

2 min read
Google source verification
PM Modi Praises Kashi Model

PM Modi Praises Kashi Model

वाराणसी.PM Modi Praised Kashi Model Advisory Will be Issued Soon. कोरोना (Corona Virus) से जंग में नजीर बने काशी मॉडल को पूरे देश में अपनाए जाने की तैयारी है। प्रधानमंत्री कार्यालय बनारस के प्रयासों पर काशी मॉडल पर डॉक्यूमेंट्री को पूरे देश में एडवाइजरी के साथ जारी करेगा। काशी मॉडल में ट्रेस, ट्रैक और ट्रीट के समावेश के साथ जनसहभागिता की बड़ी भूमिका रही है। योगी सरकार द्वारा दिए गए इस मॉडल से कोरोना संक्रमण पर तेजी से लगाम लग रहा है। काशीवासियों से संवाद के बाद पीएम मोदी ने काशी मॉडल की सराहना की थी। अब काशी मॉडल को पूरे देश में एडवाइजरी के साथ जारी करने की तैयारी है।

वाराणसी का इंटीग्रेटेड काशी कोविड रिस्पांस सेंटर मॉनिटरिंग, एनालिसि, स्ट्रेटजी और एग्जीक्यूशन यानी मेस के फार्मूले पर काम कर रहा है। किस क्षेत्र में कितने कोविड मरीज मिले, इसका हर दिन बारीकी से अध्ययन किया जाता है। कोविड स्थिति को काबू में रखने के लिए रोजाना टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट की मॉडल पर काम किया जाता है। इंटीग्रेटेड काशी कोविड रिस्पांस सेंटर में टेस्ट रिपोर्ट, संक्रमित मरीजों की संख्या, टीकाकरण की संख्या, दवा वितरण, सैनिटाइजेशन, एंबुलेंस की उपलब्धता, अस्पताल में भर्ती मरीज की संख्या, आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के आंकड़े एकत्र किए जाते हैं। इन आंकड़ों के आधार पर देखा जाता है कि किस क्षेत्र में रोगी बढ़ रहे हैं और कहां मौतें हो रही हैं।

'मेस' फार्मूले से कम हो रही संख्या

इंटीग्रेटेड काशी कोविड रिस्पांस सेंटर के सह नोडल अधिकारी नंद किशोर ने कहा ऑक्सीजन की कमी कहां है, आंकड़ों के आधार पर यह भी कमी पूरी करने का प्रयास किया जाता है। इससे यह भी पता चलता है कि किस क्षेत्र में संसाधनों की कमी है। यहां संसाधनों को पूरा कर मरीजों को दवा सहित जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। वाराणसी मंडल के कमिश्नर दीपल अग्रवाल व जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा रोज कमांड सेंटर का दौरा कर स्थिति का आंकलन करते हैं और जरूरी निर्देश देते हैं। 'मेस' फार्मूले का ही असर है कि अब अब रोगियों की संख्या में लगातार कमी आ रही है।

कालाबाजारी रोकने के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त

काशी मॉडल में सुनियोजित योजना के तहत अस्पतालों में जरूरत के अनुसार बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है। निजी अस्पतालों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए और दवाओं की कालाबाजारी रोकने के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं। 438 सदस्यों की 174 निगरानी समितियां बनाई गईं। हर समिति के सदस्यों को पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मल स्कैनर और दवाओं की किट दिया गया है। अगर जांच में कोई संदिग्ध मिल रहा तो आरटीईएसआर टेस्ट करवाया जा रहा है। उसी आधार पर दवा भी दी जाती है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि स्मार्ट सिटी कंपनी के सिटी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के तौर पर विकसित किया गया।

ये भी पढ़ें: बनारस में संक्रमितों को होगी आयुष 64 टैबलेट की होम डिलीवरी, डीएम कौशलराज शर्मा ने सौंपी 2,64,000 टैबलेट

ये भी पढ़ें: पीएम मोदी ने वाराणसी फ्रंटलाइन वर्कर्स का बढ़ाया हौसला, दिया नया मंत्र, कहा- जहां बीमार वहीं उपचार