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डीएम ने सरकारी डाक्टर के चैम्बर में बैठ कर बाहर की दवा लिखवाने वालों को पकड़ा, दो हिरासत में

सीएम योगी आदित्यनाथ के आगमन के पहले दीनदयाल अस्पताल के निरीक्षण में मिली खामी, कैंट सीओ को सौंपी गयी जांच

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DM Surendra Singh

DM Surendra Singh

वाराणसी. सीएम योगी आदित्यनाथ के आगमन से पहले जिलाधिकारी ने सरकारी अस्पताल के निरीक्षण में बड़ी खामी पकड़ी है। चिकित्सकों के केबिन में बैठ कर मरीजों को बाहर की दवा लिखवाने वाले दो लोगों को जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया है। जिलाधिकारी ने माना कि यहां के चिकित्सक मरीजों को बाहर से दवा लाने व जांच कराने के लिए विवश करते हैं ऐसे में मामले की जांच कैंट सीओ डा.अनिल कुमार को सौंपी गयी है। डीएम ने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी मिलेगा। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
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पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में सीएम योगी आदित्यनाथ का २२ जून को आगमन होना है। सीएम यहां के विकास कार्य व व्यवस्था का जायजा लेंगे। सीएम के आगमन के पहले सारी सरकारी मशीनरी सक्रिय हो गयी है। जिलाधिकारी ने भी सरकारी अस्पताल के कामकाज को देखने के लिए औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने सबसे पहले ओपीडी की व्यवस्था देखी। डीएम ने यहंा पर चर्म रोग विशेषज्ञ डा.एसके राय व फिजीशियन डा.सत्य प्रकाश के चैंबर में दो दलालों को पकड़ा। यह दलाल चिकित्सकों से बाहर की दवा लिखवा रहे थे। इसके बाद डीएम ने मरीजों से वार्ता कर अस्पताल से मिलने वाली सुविधा का हाल जाना। मरीजों ने जिलाधिकारी को बताया कि चिकित्सक बाहर से जांच करवाते हैं और बाहर की दवा भी लिखते हैं जबकि शासन के निर्देशानुसार ऐसा नहीं किया जा सकता है। इसके बाद डीएम ने सीएमएस डा.विपुल कुमार से पूछा कि बाहर से दवा लिखने वाले चिकित्सकों के खिलाफ आपने क्या कार्रवाई की। इस पर सीएमएस ने कहा कि उन्होंने ऐसे चिकित्सकों को नोटिस दिया था इस पर डीएम ने कार्रवाई वाली पत्रावली दिखाने को कहा। सीएमएस ने जब पत्रावली दिखायी तो डीएम ने उसे अपने पास रख लिया। जिलाधिकारी ने बताया कि बाहर से दवा लिख रहे दो लोगों को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया गया है। सीएमएस की भूमिका भी सही नहीं पायी गयी है। सीएमएस ने चिकित्सकों को नोटिस दी थी तो इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को देनी चाहिए थी। जिलाधिकारी ने कहा कि बाहर की दवा लिखवाने वाले मेडिकल स्टोर को भी पकड़ लिया गया है। सीएमएस की भूमिका भी सही नहीं पायी गयी है। मामले की जांच कैंट सीओ डा.अनिल कुमार को सौंपी गयी है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी।
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