
सुंदर सिंह की तरह बनना चाहता था अनिल दुजाना
दादरी के दुजाना गांव में कभी सुंदर सिंह के नाम का दबदबा था। सन 70 से 80 के दशक में दिल्ली तक उसके नाम का डंका बजता था। घोड़े पर चलता था और फिल्मी अंदाज में वारदात करता था। एक दिन किसी बात पर उसका संजय गांधी से उसका विवाद हो गया। इसके बाद उसने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को मैसेज भेजकर संजय को एक हफ्ते में जान से मारने की धमकी दे दी।
हालांकि,बाद में पुलिस मुठभेड़ में सुंदर मारा गया। अनिल दुजाना हमेशा से सुंदर सिंह की तरह बनना चाहता था। जिस वजह से वह ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम देने लगा और जब भी कोई हत्या करता तो वहां पर उसकी जिम्मेदारी खुद लेता।
एनकाउंटर के बाद जिले में अलर्ट
अनिल दुजाना के एनकाउंटर के बाद जिले में भी पुलिस अलर्ट हो गई है। दादरी-बादलपुर पुलिस ने दुजाना गांव की तरफ जाने आने वाली गड़ियों की जांच शुरू कर दी है। वहीं, गुरुवार को दुजाना गांव में भारी संख्या में पुलिस तैनात रही। पुलिस ने दुजाना के घर के पास से जाने वाले रास्ते पर सुरक्षा कड़ी रखी।
दुजाना के घर के आसपास में रहने वाले लोग चुप्पी साधे हुए है। कोई कुछ बोलने या बताने को तैयार नहीं है। उसके परिवार के लोग ज्यादातर लोग बाहर रहते हैं। अनिल दुजाना के दो भाई सरकारी नौकरी करते थे।
कुख्यात दुजाना ने दो भाइयों की हत्या कर फैला दी थी दहशत
एक बार मुजफ्फरनगर में कुख्यात अनिल दुजाना ने रंगदारी नहीं देने पर छपार में दो खाद व्यापारी भाइयों की हत्या कर दी थी। उसकी हत्या से दहशत फैल गई थी। हर कोई अनिल दुजाना से डरने लगा था। अनिल दुजाना हमेशा से सुर्खियों में रहा, जिला कारागार में विक्की त्यागी से भी उसकी दुश्मनी रही।
जेल में दुजाना ने पश्चिम यूपी के बदमाशों को अपने साथ मिलाकर गैंग बनाया और आसपास के जिलों में आपराधिक वारदातों को अंजाम देने लगा। बागपत जेल में मारे गए मुन्ना बजरंगी से नजदीकियों के चलते ही दुजाना ने रेलवे की ठेकेदारी में भी हाथ बटाने शुरू कर दिए थे।
छपार में दुजाना ने ऐसे जमाईं अपराध की जड़ें
छपार के रोबिन त्यागी और अमन उर्फ माया त्यागी के साथ भी दुजाना की नजदीकिया थी। इसी के चलते कुख्यात अनिल दुजाना की छपार थाना क्षेत्र में सक्रियता बढ़ी। खाद व्यापारी संजीव त्यागी का प्रधान पद के चुनाव को लेकर रोबिन त्यागी पक्ष से मनमुटाव हुआ।
इसके बाद संजीव त्यागी को 10 लाख की रंगदारी की चिट्ठी भेजी गई। रंगदारी नहीं मिली तो अनिल दुजाना के गैंग ने 8 जनवरी 2012 के दिन छपार में दुकान खोल रहे खाद व्यापारी संजीव त्यागी की गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी। आरोपी अमित और अनिल दुजाना को इसी दिन शाम को ही पुलिस ने मुठभेड़ में आधुनिक हथियारों के साथ गिरफ्तार किया था।
संजीव त्यागी हत्याकांड में गवाह की पुलिस अभिरक्षा में कराई हत्या
व्यापारी संजीव त्यागी की हत्या के मुकदमे में गवाह उसके भाई राजीव त्यागी की 18 अक्तूबर 2013 को पुलिस की सुरक्षा में सुबह के समय उसकी भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस दौरान दुजाना गैंग का सुशील जाट पुलिस की गोली लगने से मारा गया था। जिस समय संजीव त्यागी की हत्या की थी, उस समय अनिल दुजाना पर 50 हजार का इनाम था। छपार में अनिल दुजाना पर सात मुकदमे दर्ज किए गए थे।
अत्याधुनिक हथियारों से किया था हमला
दुजाना गिरोह ने अत्याधुनिक हथियारों से खाद व्यापारी पर हमला किया था। पीड़ित पक्ष के घर पर पांच सिपाही और डेढ़ सेक्शन पीएसी तैनात थी। इसके बावजूद भी गिरोह के सदस्यों ने व्यापारियों के घर दो बार फायरिंग की थी।
Published on:
05 May 2023 10:50 am
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