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पूर्वांचल में बाढ़ से भारी हाहाकार, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, बचाव के लिए मांगी गई एअर फोर्स की मदद

बाढ़ की वजह से 10 फीट धंसा अप्रोच मार्ग, दर्जनों गांव का संपर्क टूटा

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बाढ़ की वजह से 10 फीट धंसा अप्रोच मार्ग, दर्जनों गांव का संपर्क टूटा

वाराणसी. यूपी के पूर्वांचल में गंगा नदी के जलस्तर में हो रही लगातार बढ़ोतरी ने जनजीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है । प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी चंदौली, गाजीपुर, बलिया समेत पूर्वी यूपी के जिलों में गंगा का पानी से हाहाकार की स्थिति बन गई है। हाहाकार के बाद खुद सीएम योगी ने मंगलवार को बलिया में बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया। मुख्यमंत्री की बोट के जरिये लोगों से मिलने की योजना थी लेकिन मौसम खराब होने के कारण उन्होने हवाई सर्वेक्षण किया। हालांकि भारी कटान वाले इलाके में पहुंचे मुख्यमंत्री ने पीड़ितों के बीच राहत सामाग्री वितरित की।

गाजीपुर में भी बिगड़े हालात

गाजीपुर के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है । बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिये लगातार रेसक्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है । वहीं करंडा ब्लॉक में बाढ़ की वजह से गांगी नदी पर बने पुल का अप्रोच मार्ग धंस गया है जिससे दर्जनों गांवों का ब्लॉक से संपर्क कट गया है ।

गाजीपुर के पांच तहसील सदर, सैदपुर, जमानियां, सेवराई और मोहम्मदाबाद हो चुका है। इस तहसीलों के तकरीबन दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके है। गंगा खतरे के निशान 63.105 को पार कर 63.870 मीटर के ऊपर बह रही है। गंगा में अभी भी लगातार 1 सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रही है। गंगा में लगातार हो रहे बढ़ाव को देखते हुए अलर्ट भी जारी कर दिया है। बाढ़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम भी बुला ली है। बाढ़ से घिरे ग्रामीणों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए अब एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू के लिए मोर्चा संभालने पहुंच चुकी है।

कटान पीड़ितों से मिले सीएम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार की शाम दयाछपरा पहुंचे और बाढ़ग्रस्त इलाकों का निरीक्षण किया। सीएम ने कटान पीड़ितों के बीच राहत सामाग्री वितरित की। उन्होंने दुबेछपरा रिंग बंधे के कटने के कारणों की भी जानकारी ली। मुख्‍यमंत्री ने बाढ़ राहत में कोई लापरवाही न हो इसकी सख्‍त हिदायत अधिकारियों को दिया।

प्रयागराज में मांगी एअरफोर्स की मदद

प्रयागराज. संगम नगरी में गंगा. यमुना दोनों नदियों में आई बाढ़ ने हाहाकार मचा दिया है। एक बार फिर 1978 की भयावह बाढ़ जैसे हालात की आशंका बन गई है। इससे निपटने के लिए सेना से सहयोग का फैसला किया गय़ा है। साथ की एनडीआरएफ की कई अन्य टीमें भी बढ़ाये जाने की बात कही जा रही है। रेस्क्यू आपरेशन के जरिये अब तक एक हजार से अधिक लोगों को बाढ़ से बाहर निकाला गया है। पानी का जलस्तर फाफामऊ 84 .74 छतनाग 83.98 नैनी 84.55 मीटर है।
शव जलाने के लिए भी बढ़ी मुसीबत
चंदौली. बाढ़ की स्थिति ये है कि पिछले 40 साल का रिकार्ड भी टूटने के कगार पर है। तटवर्ती गांव कांवर , महुअरिया ,पकड़ी, बिषुपुर, महुआरी खास , सराय , बलुआ, डेरवा, महुअर कला, बिजयी के पूरा, गणेशपुरा, टांडाकला,भुसौला, बड़गांवा, तीरगांवा, हसनपुर, नादी-निधौरा आदि गांवों में कटान ही नहीं अब बिषैले जानवरो का भी खतरा बढ़ गया है । घाट के किनारे के बिषैले जानवर गांवो में दहशत फैलाने लगे है । पानी अधिक होने के कारण अब शवदाह के लिए भी भारी परेशानी उठानी प़ड़ रही है। लोग शवों को स्थल से काफी दूर ही जला रहे हैं।

बनारस में खतरे के निशान से करीब गंगा

वाराणसी. गंगा व वरुणा के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। गंगा का पानी खतरे के निशान के पास पहुंच गया था इसी तरह बढ़ोतरी होती रही तो कल तक पानी खतरे के निशान को पार कर जायेगा। मंगलवार शाम पांच बजे केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का पानी 71.11 मीटर पर पहुंच गया था जो खतरे के निशान से 15 सेंटीमीटर ही नीचे हैं। बनारस में खतरे का निशान 71.26 मीटर पर है जबकि गंगा का उच्चतम स्तर 73.90 मीटर पर है। बतादें कि मंगलवार को पहुंते योगी सरकार के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात भी किया। उन्होने कहा कि बाढ़ शिविरों और इलाकों में पुलिस गश्त करती रहेगी।