
Bahubali Mukhtar Ansari and Abbas Ansari
वाराणसी. बाहुबली मुख्तार अंसारी के अब्बास अंसारी एक बार फिर सुर्खियों में है। पुलिस के छापेमारी में अब्बास अंसारी के घर ऐसे असलहे मिले हैं कि पुलिस भी हैरान रह गयी है। विदेशों से आये असलहों को देख कर पुलिस परेशान हो गयी है। फिलहाल अब्बास अंसारी फरार चल रहे हैं और पुलिस जांच के बाद ही असलहों की सारी कहानी सामने आयेगी। अब्बास अंसारी की वह कहानी भी सामने आ गयी है जब सात देशों को लोग उनकी ताकत देख कर दंग रह गये थे।
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बाहुबली मुख्तार अंसारी खुद अचूक निशानेबाज है और उनके बेटे अब्बास अंसारी का निशान अचूक है। अब्बास अंसारी युवा निशानेबाज है और देश के लिए कई गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। शूटर होने के चलते उन्हें असलहों का शौक भी है जो अब भारी पड़ रहा है। सात देशों में अब्बास अंसारी ने हुई प्रतियोगिता में ऐसा निशाना लगाया था कि सभी दंग रह गये थे। कहते हैं कि अब्बास अंसारी का निशाना इतना अच्छा है कि उड़ती चिडिय़ा की आंख में भी निशाना साध सकते हैं। फिलहाल अब्बास अंसारी के घर में कारतूस व असलहे मिलने के बाद से उनकी परेशानी बढ़ गयी है।
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अखिलेश यादव के चलते मुख्तार ने की पार्टी का विलय हुआ था खत्म, अब्बास अंसारी ने किया था सपा अध्यक्ष का प्रचार
बाहुबली मुख्तार अंसारी की मुलायम सिंह यादव व शिवपाल यादव से निकटता किसी से छिपी नहीं है। शिवपाल यादव ने मुख्तार अंसारी की पार्टी कौएद का विलय सपा में विलय कराया था, लेकिन अखिलेश यादव के विरोध के बाद यह विलय खत्म हो गया था। इसके बाद अंसारी बंधु ने अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा था। लोकसभा चुनाव 2019 में अखिलेश यादव व मायावती की पार्टी ने गठबंधन किया था और गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर अखिलेश यादव ने आजमगढ़ संसदीय सीट से नामांकन किया था। बाहुबली मुख्तार अंसारी का परिवार बसपा में आ चुका था। पिछली सारे मतभेद भुलाते हुए अब्बास अंसारी ने आजमगढ़ संसदीय सीट पर अखिलेश यादव का चुनाव प्रचार किया था और घर-घर जाकर वोट मांगे थे।
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राजनीति में नहीं मिल पायी है सफलता
मुख्तार अंसारी खुद मऊ सदर से विधायक है जबकि उनके भाई अफजाल अंसारी ने पीएम नरेन्द्र मोदी की लहर के बाद भी गाजीपुर संसदीय सीट से मनोज सिन्हा को चुनाव हराया था और सांसद बने है। लेकिन अब्बास अंसारी को अभी चुनाव में जीत नहीं मिली है। यूपी चुनाव 2017 में अब्बास अंसारी ने घोसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन साढ़े सात हजार वोट से चुनाव हार गये थे। मुख्तार अंसारी हमेशा अपने बेटे को आपराधिक मुकदमे से दूर रखना चाहते थे लेकिन इन्ही मुकदमों में अब उनका बेटा फंसता जा रहा है।
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Published on:
18 Oct 2019 12:07 pm
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