
Varanasi News: नाविकों ने जल पुलिस और एनडीआरएफ पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर सोमवार को नौका संचालन बंद कर किया। नाविकों ने दशाश्वमेध घाट पर बैठक की और शासन और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। दोपहर बाद नाविकों की जेल से रिहाई हो गई, लेकिन नाविकों का धरना खत्म नहीं हुआ। जल पुलिस, नगर निगम और जिला प्रशासन की ओर वार्ता करने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं बन पाई।
नाविकों के विरोध का नेतृत्व कर रहे मां गंगा निषाद राज सेवा न्यास के अध्यक्ष प्रमोद मांझी ने कहा कि दो साल से नावों का लाइसेंस नहीं बना है। नगर निगम नहीं सुन रहा है। ओवरलोडिंग के नाम पर नाविकों के साथ अभद्रता की जा रही है। बीते दिनों हमारी नावों को ओवरलोड बताकर जब्त करने के साथ समाज के 13 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। एक तरफ हमें ललिता घाट से सवारी बैठाने से रोका जा रहा है दूसरी तरफ उसी घाट से क्रूज में सवारियों को भरा जा रहा है। यह जिला प्रशासन की वादाखिलाफी है। हमारे परंपरागत पेशे पर कुठाराघात किया जा रहा है। नाविक ओवरलोडिंग के आरोप में जब्त नाव छुड़वाने की मांग पर अड़े हैं।
पुलिस के मुताबिक, ओवरलोडिंग नाव के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। अब कोर्ट से ही इसपर कुछ हो सकेगा। कई बार बातचीत करने का प्रयास किया गया, लेकिन नाविक लगातार मांग बदल रहे हैं। इस वजह से वार्ता का कोई हल नहीं निकल पाया।
मान मंदिर घाट के सामने शुक्रवार को दो नावों की टक्कर में 18 दर्शनार्थियों से भरी नाव पलट गई थी। जलकल पुलिस औऱ एनडीआरएफ ने नाविकों की मदद से सभी को सकुशल निकाल लिया है। दूसरे दिन शनिवार को जल पुलिस ने अभियान चलाकर 25 सवारी से कम क्षमता वाली प्रतिबंधित नावें जब्त कर 13 नाविकों का चालान कर दिया था। इसके विरोध में रविवार को नाविकों ने हड़ताल का ऐलान किया था।
गंगा में छह क्रूज और 600 से अधिक बजड़ों का संचालन नहीं हुआ। अलकनंदा क्रूज पर यात्री पहुंच चुके थे। जिन्हें उतार दिया गया। अलकनंदा क्रूज लाइन ने 700 पर्यटकों का और अस्सी घाट के क्रूज ने 200 से अधिक पर्यटकों की बुकिंग कैंसिल कर पैसा रिफंड कर दिया। अनुमान के मुताबिक पहले दिन क्रूज और बजड़ा संचालकों ने पांच लाख से अधिक की बुकिंग कैंसिल की।
Updated on:
04 Feb 2025 10:12 am
Published on:
04 Feb 2025 10:11 am
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